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पूर्व CM त्रिवेंद्र के FB पेज पर टिप्पणी करने वाले युवक को राहत, भांग की खेती पर उठाए थे सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फेसबुक पेज पर टिप्पणी करने वाले युवक को नैनीताल हाईकोर्ट ने राहत दे दी है. युवक ने भांग की खेती को लेकर टिप्पणी की थी.

nainital high court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Oct 8, 2021, 6:28 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 6:42 PM IST

नैनीतालः पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की फेसबुक फेज में बेरोजगार युवक की ओर से भांग की खेती पर की गई टिप्पणी मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद निचली अदालत के समनिंग आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही शिकायतकर्ता समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी. आज मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई.

गौर हो कि तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2020 में अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए कृषि से जोड़ा जाएगा. जिसके तहत भांग की खेती को भी रोजगार के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा. जिस पर पिथौरागढ़ मुनस्यारी के गर्वित दानू ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कहीं ऐसा ना हो कि 2022 के बाद कई नेताओं को ही रोजगार करने के लिए भांग की खेती को अपनाना पड़े. जिसके बाद सीएम की पोस्ट पर गलत टिप्पणी करने पर एसओजी टीम ने आरोपी युवक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

ये भी पढ़ेंः रिटायर कर्मचारियों के पेंशन से अनिवार्य कटौती मामले में सुनवाई, सरकार ने HC में दिया जवाब

हरिद्वार की रुड़की अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था. युवक के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने आरोपी युवक को 7 अगस्त 2021 को समन जारी कर ट्रायल के लिए कोर्ट में पेश होने को कहा. जिसे युवक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में कहा गया कि एसओजी ने युवक की वाक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन किया है. जबकि, उनके ऐसा कोई अपराध नहीं किया था.

नैनीतालः पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की फेसबुक फेज में बेरोजगार युवक की ओर से भांग की खेती पर की गई टिप्पणी मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद निचली अदालत के समनिंग आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही शिकायतकर्ता समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी. आज मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई.

गौर हो कि तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2020 में अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए कृषि से जोड़ा जाएगा. जिसके तहत भांग की खेती को भी रोजगार के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा. जिस पर पिथौरागढ़ मुनस्यारी के गर्वित दानू ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कहीं ऐसा ना हो कि 2022 के बाद कई नेताओं को ही रोजगार करने के लिए भांग की खेती को अपनाना पड़े. जिसके बाद सीएम की पोस्ट पर गलत टिप्पणी करने पर एसओजी टीम ने आरोपी युवक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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हरिद्वार की रुड़की अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था. युवक के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने आरोपी युवक को 7 अगस्त 2021 को समन जारी कर ट्रायल के लिए कोर्ट में पेश होने को कहा. जिसे युवक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में कहा गया कि एसओजी ने युवक की वाक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन किया है. जबकि, उनके ऐसा कोई अपराध नहीं किया था.

Last Updated : Oct 8, 2021, 6:42 PM IST

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