नैनीताल : उत्तराखंड की नदियों में JCB और पोकलैंड सहित अन्य मशीनों हो रहे खनन का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 11 जून तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 13 मई को अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के द्वारा उत्तराखंड की नदियों में मशीन से खनन करने की अनुमति दी गई है. इस आदेश के बाद कोटद्वार की सुखरो, खोह, नैनीताल के बेतालघाट, ऊधम सिंह नगर और विकासनगर तहसील जिला देहरादून में बड़े पैमाने पर मशीन से अनियंत्रित खनन नदियों में किया जा रहा है. इससे नदी तल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और पर्यावरण पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है. चुगान की जगह मशीनों द्वारा नदियों में गड्ढे कर अवैज्ञानिक तरीके से दोहन किया जा रहा है.
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यहां तक कि तहसील विकासनगर में मशीनों द्वारा यमुना नदी का रुख मोड़ दिया गया है, और नदी पर अवैध पुल भी बना दिया गया है. खनन माफिया का विरोध करने वाले पर्यावरण कार्यकर्ताओं और खनन की इन घटनाओं को उजागर करने वाले पत्रकारों व इन लोगों के खिलाफ आवाज उठाने वालों का उत्पीड़न किया जा रहा है. प्रदेश के नदी तट, खनन क्षेत्र, अनियंत्रित अवैध मशीन खनन के अड्डे बन चुके हैं.