नैनीताल: प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करना भारी पड़ गया है. हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश को अवमानना नोटिस जारी किया है. नोटिस का जवाब उन्हें तीन सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करना होगा.
बता दें कि हल्द्वानी निवासी हिमांशु जोशी ने 2016 में राज्य सरकार द्वारा संशोधित की गई सेवा नियमावली को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इसको लेकर उन्होंने एक जनहित याचिका लगाई थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य सरकार अपने चहेतों को सरकारी पदों पर बैक डोर से एंट्री दे रही है. इसके लिए सरकार ने 2013 में बनाई गई सेवा नियमावली को 2016 में संशोधित किया था. संशोधित नियमावली के तहत संविदा पद पर 10 साल काम करने की बाध्यता को खत्म कर 5 साल कर दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सरकार के इस संशोधन को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. साथ सरकार को आदेश दिया था कि वो इस आदेश को निरस्त करे.
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नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले से प्रभावित कुछ लोगों ने इस फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी थी. लेकिन हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी एकल पीठ के आदेश को सही माना था और 2016 के बाद से नियमित किए गए सभी कर्मचारियों के मामले पर कार्रवाई के निर्देश सरकार को दिए थे. साथ ही याचिकाकर्ता को अपना प्रत्यावेदन मुख्य सचिव को देने को कहा ताकि मुख्य सचिव उस प्रत्यावेदन पर 90 दिन में कार्रवाई कर सकें.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद याचिकाकर्ता ने अपना प्रत्यावेदन मुख्य सचिव के पास भेजा. लेकिन उनके प्रत्यावेदन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद याचिकाकर्ता हिमांशु जोशी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. जिस पर सोमावर को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया. साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को अपना जवाब 3 सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के आदेश भी दिए.