नैनीतालः देहरादून के अजबपुर कलां में टिहरी विस्थापितों के लिए टीएचडीसी की ओर से निर्धारित पार्कों की भूमि पर अवैध कॉलोनियों के निर्माण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में आज कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सचिव एमडीडीए के खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया है. आज सचिव एमडीडीए कोर्ट को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए. इसके अलावा पूर्व के आदेश का भी जवाब नहीं दिया. जिस पर कोर्ट को सख्त रुख अपनाना पड़ा.
दरअसल, टिहरी विस्थापित लोगों को देहरादून के अजबपुर कलां की में भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन आरोप है कि उस भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण करा दिया गया. जिसे लेकर अजबपुर कलां निवासी वनमाली प्रसाद ने साल 2021 में नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी.
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जिसमें उन्होंने कहा था कि टीएचडीसी यानी टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने अजबपुर कलां की 7 पार्कों की भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर दिया है. जो एमडीडीए यानी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की ओर से मान्यता प्राप्त थी. ऐसे में एमडीडीए को सूचना देने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले में सचिव एमडीडीए को कोर्ट में जवाब पेश करने और व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था, लेकिन आज न तो सचिव एमडीडीए ने जवाब पेश किया न ही कोर्ट में पेश हुए. ऐसे में पूर्व के आदेश का पालन न करने पर सचिव एमडीडीए के खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया है. आज उन्हें पूर्व के आदेश पर कोर्ट में पेश होना था. उनकी ओर से अभी तक जवाब नहीं पेश पर कोर्ट उन पर 15000 हजार रुपए का जुर्माना लगा चुकी है.
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