नैनीतालः उधमसिंह नगर के डीएम, सचिव व निदेशक उच्च शिक्षा को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना महंगा पड़ा है. मामले में हाईकोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. इससे पहले मामले में हाईकोर्ट ने 11 सितंबर 2018 को निर्देश जारी किए थे, जिसका अनुपालन नहीं किया गया.
दरअसल, अधिवक्ता उदित बंसल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा था कि सितंबर 2018 में चंद्रावती तिवारी राजकीय गर्ल्स डिग्री कॉलेज काशीपुर की प्रधान समिति की अध्यक्ष विमला गुड़िया और प्राचार्य कीर्ति पंत ने 18 लाख रुपए के गबन एवं दुरुपयोग किया है. जिस पर हाईकोर्ट ने विमला और प्राचार्य समेत अन्य को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
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आरोप है कि इन 5 सालों में तत्कालीन जिलाधिकारी और उच्च अधिकारियों ने आदेश का पालन नहीं किया. ऐसे में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूर्व के आदेश का अनुपालन न करने पर संबंधित डिग्री कॉलेज की प्रबंधन समिति, पंडित गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति को भी याचिका में पक्षकार बनाने को कहा है.
कोर्ट ने अधिवक्ता उदित बंसल के कथन को स्वीकार कर अध्यक्ष गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति और प्राचार्य चंद्रावती तिवारी डिग्री कॉलेज को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. वर्तमान और पूर्व में भी दोनों पदों पर विमला गुड़िया और कीर्ति पंत पदासीन हैं. जबकि, दोषी माने गए व्यक्ति को न तो समिति में कोई पदभार मिल सकता है न ही महाविद्यालय के प्राचार्य पद पर आसीन रह सकता है.