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छठे वेतनमान मामले में नैनीताल हाई कोर्ट सख्त, प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस - प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस

छठे वेतनमान मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी किया है और जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

नैनीताल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Jul 16, 2019, 10:53 AM IST

नैनीताल: हाई कोर्ट ने पुलिस में सहायक उप निरीक्षकों से नीचे के रैंक के कर्मिंयों को छठे वेतनमान के न दिए जाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी पवन बोरा व भास्कर सनवाल ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि छठे वेतनमान के तहत हाई कोर्ट की एकलपीठ पहले ही एक जनवरी 2006 से संशोधित वेतनमान एरियर देने का आदेश दे चुकी है. इस आदेश के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया था.

पढ़ें- उत्तराखंड वन विभाग में 23 अधिकारियों के तबादले, यहां देखें पूरी लिस्ट

याचिककर्ताओं का कहना था कि उन्हें छठे वेतनमान के तहत संशोधित वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2006 से मिलना था, लेकिन सरकार ने सहायक उप निरीक्षक रैंक तक के कर्मिंयों को एक जनवरी 2006 से और उससे नीचे की रैंक के ‌कर्मिंयों को 12 दिसंबर 2012 से यह लाभ दिया. जबकि याचिकाकर्ताओं को यह लाभ नहीं दिया जा रह है.

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

नैनीताल: हाई कोर्ट ने पुलिस में सहायक उप निरीक्षकों से नीचे के रैंक के कर्मिंयों को छठे वेतनमान के न दिए जाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी पवन बोरा व भास्कर सनवाल ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि छठे वेतनमान के तहत हाई कोर्ट की एकलपीठ पहले ही एक जनवरी 2006 से संशोधित वेतनमान एरियर देने का आदेश दे चुकी है. इस आदेश के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया था.

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याचिककर्ताओं का कहना था कि उन्हें छठे वेतनमान के तहत संशोधित वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2006 से मिलना था, लेकिन सरकार ने सहायक उप निरीक्षक रैंक तक के कर्मिंयों को एक जनवरी 2006 से और उससे नीचे की रैंक के ‌कर्मिंयों को 12 दिसंबर 2012 से यह लाभ दिया. जबकि याचिकाकर्ताओं को यह लाभ नहीं दिया जा रह है.

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

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नैनीताल हाई कोर्ट ने प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह के खिलाफ जारी करा अवमानना नोटिस।

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हाईकोर्ट ने पुलिस में सहायक उपनिरीक्षकों से नीचे के रैंक के कर्मिंयों के छठे वेतनमान के न दिए जाने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

Body:आपको बता दे कि ऊधमसिंह नगर निवासी पवन बोरा व भास्कर सनवाल ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि पूर्व में एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को छठे वेतनमान के तहत एक जनवरी 2006 से संशोधित वेतनमान एरियर सहित देने का आदेश दिया था,, लेकिन कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार की स्पेशल अपील को खारिज कर दिया।Conclusion:याचिककर्ताओं का कहना था कि उन्हें छठे वेतनमान के तहत संशोधित वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2006 से मिलना था, सरकार ने सहायक उपनिरीक्षक रैंक तक के कर्मिंयों को एक जनवरी 2006 से और उससे नीचे की रैंक के ‌कर्मिंयों को 12 दिसंबर 2012 से यह लाभ दिया। जबकि याचिकाकर्ताओं को यह लाभ नहीं दिया जा रह है।
मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
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