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नैनीताल हाई कोर्ट ने खटीमा नगर पालिका के ईओ को जारी किया अवमानना नोटिस

नगर पालिका खटीमा के अधिशासी अधिकारी (ईओ) पर आरोप है कि उन्होंने अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट में गलत जानकारी दी. जिसकी वजह से उनके खिलाफ अवमानना को नोटिस जारी किया गया है.

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नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Nov 26, 2020, 6:19 PM IST

खटीमा: नगर पालिका खटीमा के अधिशासी अधिकारी धर्मानंद को नैनीताल हाई कोर्ट में गलत शपथ पत्र पेश करना भारी पड़ गया. क्योंकि हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका खटीमा के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

बता दें कि खटीमा निवासी कविंद्र कपल टियने ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जून 2018 में हाई कोर्ट के आदेश पर खटीमा में 460 से अधिक अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे. जिन्हें हटाने के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन आज तक खटीमा क्षेत्र से अतिक्रमण को नहीं हटाया गया.

पढ़ें- कुमाऊं की इन तीन नदियों से पहली बार निकाला जाएगा उपखनिज

जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया. जिसमें उसने कहा कि दो साल बीत जाने के बाद भी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे. जिस पर अधिशासी अधिकारी ने कोर्ट को बताया था कि अगली सुनवाई तक खटीमा क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण को हटा लिया जाएगा लेकिन आज तक क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटाया गया.

जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ और न्यायाधीश रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने खटीमा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

खटीमा: नगर पालिका खटीमा के अधिशासी अधिकारी धर्मानंद को नैनीताल हाई कोर्ट में गलत शपथ पत्र पेश करना भारी पड़ गया. क्योंकि हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका खटीमा के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

बता दें कि खटीमा निवासी कविंद्र कपल टियने ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जून 2018 में हाई कोर्ट के आदेश पर खटीमा में 460 से अधिक अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे. जिन्हें हटाने के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन आज तक खटीमा क्षेत्र से अतिक्रमण को नहीं हटाया गया.

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जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया. जिसमें उसने कहा कि दो साल बीत जाने के बाद भी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे. जिस पर अधिशासी अधिकारी ने कोर्ट को बताया था कि अगली सुनवाई तक खटीमा क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण को हटा लिया जाएगा लेकिन आज तक क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटाया गया.

जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ और न्यायाधीश रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने खटीमा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

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