नैनीताल: शहर में भिकियासैंण से मर्चुला तक बन रही सड़क का मलबा रामगंगा नदी में डालने पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. इस मामले में अब कोर्ट ने वन विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग को सोमवार तक जवाब कोर्ट में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने इन विभागों से यह भी पूछा है कि आखिर इस मलबे का निस्तारण कैसे किया जाएगा.
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बता दें कि हल्द्वानी निवासी गुरविंदर सिंह चड्डा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया है कि भिकियासैंण से मर्चुला तक सड़क बनाई जा रही है. जिसका मलबा रामगंगा नदी में डाले जाने से पानी का प्रवाह रुक गया है. साथ ही ये नदी रामनगर के कॉर्बेट पार्क से होकर गुजरती है. वहीं, पार्क में मौजूद जानवर भी पेयजल के लिए इसी नदी पर निर्भर हैं. इस अलावा मगरमच्छ और घड़ियाल भी इस नदी में रहते हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा कि नदी में मलबा डाले जाने के कारण रामगंगा का प्रवाह रुक गया है. ऐसे में पार्क में रहने वाले जानवरों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पीडब्ल्यूडी और वन विभाग को सोमवार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.