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UKSSSC पेपर लीक मामले में भुवन कापड़ी की याचिका पर सुनवाई पूरी, HC जल्द सुनाएगा फैसला

नैनीताल हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी के यूकेएसएसएससी पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराने की याचिका पर सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है. जल्द ही फैसला सुना सकती है. इससे पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने भुवन कापड़ी से पूछा था कि उन्हें एसटीएफ की जांच पर संदेह क्यों है और वो सीबीआई जांच क्यों चाहते हैं?

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Oct 12, 2022, 6:11 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक (UKSSSC Paper leak) की सीबीआई जांच मामले में कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. मामले में वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सुनवाई पूरी कर ली है. हालांकि, अभी कोर्ट ने अपना फैसला नहीं सुनाया है. बताया जा रहा है कि जल्द ही कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.

याचिकाकर्ता भुवन कापड़ी के अधिवक्ता अमित कापड़ी ने नैनीताल हाईकोर्ट को बताया कि उनके संशोधन प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी के पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार किया. अभी भी सरकार बड़े लोगों को बचा रही है. ऐसे ही नकल करने से संबंधित मामले में 2020 में मंगलौर और पौड़ी में दो एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. भुवन कापड़ी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले विधानसभा में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसकी जांच एसटीएफ को दे दी.

वहीं, सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और जीए गजेंद्र सिंह संधू ने कहा कि इस मामले में 80% जांच पूरी हो चुकी है. अभी तक 41 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा 28 से 30 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है. एसटीएफ की जांच में संदेह नहीं है, इसलिए इस मामले को खारिज किया जाए.
ये भी पढ़ेंः UKSSSC पेपर लीक: HC ने MLA भुवन कापड़ी से पूछा STF जांच पर क्यों है शक, क्यों चाहते हैं CBI जांच

बता दें कि कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी (Congress MLA Bhuwan Kapri) ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है. अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है, वो सब छोटे लोग हैं, जबकि इतिहास रचने वाले एक भी बड़े लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसमे यूपी व उत्तराखंड के कई बड़े अधिकारी और नेता शामिल है. सरकार उन्हें बचाने का काम कर रही है. इसलिए इस मामले की जांच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई (CBI Investigation UKSSSC Paper Leak) से कराई जाए.

भुवन कापड़ी ने याचिका में बताया था कि साल 2021 में परीक्षाएं आयोजित हुई थी. 22 जुलाई 2022 को अनु. सचिव राजन नैथानी की ओर से रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सएप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रश्न हल कराए गए. एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन और सीडीआर के माध्यम से जांच की शुरुआत की. जो सही पाई गई और उसमें कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई है.

गौर हो कि यूकेएसएसएससी ने 4 और 5 दिसंबर 2021 को स्नातक स्तर की परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की थी. जिसमें करीब 1 लाख 60 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. जिस परीक्षा में 916 अभ्यर्थी चयनित हुए थे, लेकिन बेरोजगार संगठनों और कई छात्रों ने मुख्यमंत्री से मिलकर इस परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर 22 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें अब तक 41 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग जिले में भी बैठे कई 'हाकम सिंह', 80 अपात्र लोगों को बांटी नौकरी!

नैनीतालः उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक (UKSSSC Paper leak) की सीबीआई जांच मामले में कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. मामले में वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सुनवाई पूरी कर ली है. हालांकि, अभी कोर्ट ने अपना फैसला नहीं सुनाया है. बताया जा रहा है कि जल्द ही कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.

याचिकाकर्ता भुवन कापड़ी के अधिवक्ता अमित कापड़ी ने नैनीताल हाईकोर्ट को बताया कि उनके संशोधन प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी के पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार किया. अभी भी सरकार बड़े लोगों को बचा रही है. ऐसे ही नकल करने से संबंधित मामले में 2020 में मंगलौर और पौड़ी में दो एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. भुवन कापड़ी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले विधानसभा में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसकी जांच एसटीएफ को दे दी.

वहीं, सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और जीए गजेंद्र सिंह संधू ने कहा कि इस मामले में 80% जांच पूरी हो चुकी है. अभी तक 41 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा 28 से 30 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है. एसटीएफ की जांच में संदेह नहीं है, इसलिए इस मामले को खारिज किया जाए.
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बता दें कि कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी (Congress MLA Bhuwan Kapri) ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है. अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है, वो सब छोटे लोग हैं, जबकि इतिहास रचने वाले एक भी बड़े लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसमे यूपी व उत्तराखंड के कई बड़े अधिकारी और नेता शामिल है. सरकार उन्हें बचाने का काम कर रही है. इसलिए इस मामले की जांच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई (CBI Investigation UKSSSC Paper Leak) से कराई जाए.

भुवन कापड़ी ने याचिका में बताया था कि साल 2021 में परीक्षाएं आयोजित हुई थी. 22 जुलाई 2022 को अनु. सचिव राजन नैथानी की ओर से रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सएप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रश्न हल कराए गए. एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन और सीडीआर के माध्यम से जांच की शुरुआत की. जो सही पाई गई और उसमें कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई है.

गौर हो कि यूकेएसएसएससी ने 4 और 5 दिसंबर 2021 को स्नातक स्तर की परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की थी. जिसमें करीब 1 लाख 60 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. जिस परीक्षा में 916 अभ्यर्थी चयनित हुए थे, लेकिन बेरोजगार संगठनों और कई छात्रों ने मुख्यमंत्री से मिलकर इस परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर 22 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें अब तक 41 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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