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अधिवक्ता से अभद्रता का मामला, HC ने पुलिकर्मी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट में आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे (Chief Justice Vipin Sanghi and Justice RC Khulbe) की खंडपीठ ने अधिवक्ता से अभद्रता मामले की सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने पुलिसकर्मी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है.

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Published : Sep 15, 2022, 3:56 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ता प्रभात बोरा के साथ कोतवाली पिथौरागढ़ के कोतवाल रमेश तंवर द्वारा अभद्रता करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे (Chief Justice Vipin Sanghi and Justice RC Khulbe) की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की सुरक्षा आगे बढ़ाते हुए कॉन्स्टेबल सुनीता गिरी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी.

इस मामले में आज याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में संसोधन प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. कॉन्स्टेबल सुनीता गिरी भी इस मामले में सम्मलित हैं और उसे पक्षकार बनाया जाय. साथ ही उन्हें मुआवजा दिलाया जाए और थाने में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. कोर्ट ने उनके संसोधन प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने को कहा है.

पढ़ें- हेलंग चारापत्ती विवाद को 2 महीने पूरे, बीरबल की खिचड़ी हुई रिपोर्ट, सरकार की मंशा पर सवाल

क्या था मामला: आरोप है कि प्रभात बोरा किसी केस के सिलसिले में कोतवाली पिथौरागढ़ गए हुए थे. इस बीच गाड़ी की पार्किंग को लेकर उनके एवं कोतवाल के बीच कहासुनी हो गई. अधिवक्ता द्वारा जब कोतवाल से ढंग से बात करने को कहा गया तो उन्होंने उनके साथ गाली-गलौज की गई और थाने से धक्के मारकर बाहर कर दिया. जब उनके द्वारा इसकी शिकायत एसपी सुखबीर सिंह से की गई तो उनकी शिकायत पर कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया. लेकिन उनका कहना है कि कोतवाल का इस तरह से पेश आना अवमानवीयता है उनके खिलाफ इस अव्यवहारिक आचरण करने के लिए विभागीय कार्रवाई की जाए. साथ ही उनको और उनके परिवार को सुरक्षा भी दिलाई जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ता प्रभात बोरा के साथ कोतवाली पिथौरागढ़ के कोतवाल रमेश तंवर द्वारा अभद्रता करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे (Chief Justice Vipin Sanghi and Justice RC Khulbe) की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की सुरक्षा आगे बढ़ाते हुए कॉन्स्टेबल सुनीता गिरी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी.

इस मामले में आज याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में संसोधन प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. कॉन्स्टेबल सुनीता गिरी भी इस मामले में सम्मलित हैं और उसे पक्षकार बनाया जाय. साथ ही उन्हें मुआवजा दिलाया जाए और थाने में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. कोर्ट ने उनके संसोधन प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने को कहा है.

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क्या था मामला: आरोप है कि प्रभात बोरा किसी केस के सिलसिले में कोतवाली पिथौरागढ़ गए हुए थे. इस बीच गाड़ी की पार्किंग को लेकर उनके एवं कोतवाल के बीच कहासुनी हो गई. अधिवक्ता द्वारा जब कोतवाल से ढंग से बात करने को कहा गया तो उन्होंने उनके साथ गाली-गलौज की गई और थाने से धक्के मारकर बाहर कर दिया. जब उनके द्वारा इसकी शिकायत एसपी सुखबीर सिंह से की गई तो उनकी शिकायत पर कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया. लेकिन उनका कहना है कि कोतवाल का इस तरह से पेश आना अवमानवीयता है उनके खिलाफ इस अव्यवहारिक आचरण करने के लिए विभागीय कार्रवाई की जाए. साथ ही उनको और उनके परिवार को सुरक्षा भी दिलाई जाए.

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