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HC में बोले IFS राजीव भरतरी- राजनीतिक कारण से किया गया मेरा तबादला, अगली सुनवाई 25 को

उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका में राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है. इसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.

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Published : Feb 23, 2022, 4:35 PM IST

Court hearing on IFS Rajiv bhartari transfer
उत्तराखंड हाईकोर्ट में IFS राजीव भरतरी स्थानांतरण मामला.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक के पद से हटाए गए वरिष्ठतम आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी के स्थानांतरण मामले की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई 25 फरवरी को नियत की है.

कोर्ट में दाखिल याचिका में आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने कहा है कि वे राज्य के सबसे सीनियर भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं. किंतु सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका स्थानांतरण प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया था. जिसको उन्होंने संविधान के खिलाफ मानते हुए सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए. लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की. वहीं, राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है, जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.

पढ़ें- हाईकोर्ट में मुखानी फ्लाईओवर निर्माण मामले की सुनवाई, राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब

उल्लेखनीय है कि पीसीसीएफ राजीव भरतरी के स्थानांतरण के पीछे एक मुख्य कारण कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर हो रहे अवैध निर्माण व इन निर्माणों की राजीव भरतरी द्वारा की जा रही जांच को प्रभावित करना भी माना जा रहा था. आरोप है कि तब तत्कालीन वन मंत्री एक अधिकारी के समर्थन में राजीव भरतरी को पीसीसीएफ पद व कॉर्बेट पार्क में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक के पद से हटाए गए वरिष्ठतम आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी के स्थानांतरण मामले की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई 25 फरवरी को नियत की है.

कोर्ट में दाखिल याचिका में आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने कहा है कि वे राज्य के सबसे सीनियर भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं. किंतु सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका स्थानांतरण प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया था. जिसको उन्होंने संविधान के खिलाफ मानते हुए सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए. लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की. वहीं, राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है, जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.

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उल्लेखनीय है कि पीसीसीएफ राजीव भरतरी के स्थानांतरण के पीछे एक मुख्य कारण कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर हो रहे अवैध निर्माण व इन निर्माणों की राजीव भरतरी द्वारा की जा रही जांच को प्रभावित करना भी माना जा रहा था. आरोप है कि तब तत्कालीन वन मंत्री एक अधिकारी के समर्थन में राजीव भरतरी को पीसीसीएफ पद व कॉर्बेट पार्क में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे.

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