ETV Bharat / state

उत्तराखंड में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना प्रशिक्षण घोटाला! HC का आदेश-'दस्तावेज मुहैया कराएं सरकार'

PMKVY Scam in Uttarakhand उत्तराखंड में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण के नाम पर घोटाला का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. आरोप है कि कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था, तब 55 हजार छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल कर नौकरी बांट दी है. जिसके तहत 70 करोड़ रुपए का गड़बड़झाला किया गया. अब इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को दस्तावेज मुहैया कराने को कहा है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 12, 2023, 7:02 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड में कौशल विकास योजना के तहत कोरोना काल में हुए 70 करोड़ रुपए के घोटाले मामले में दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं. साथ ही याचिकाकर्ता को घोटाले में शामिल निजी कंपनियों और एनजीओ को पक्षकार बनाने को कहा है. अब इस मामले की सुनवाई आगामी 15 अप्रैल 2024 को होगी.

बता दें कि हल्द्वानी आवास विकास कॉलोनी निवासी एहतेशम हुसैन खान उर्फ विक्की खान समेत अन्य लोगों ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में केंद्र सरकार के सहायतित कौशल विकास योजना में कोरोना महामारी के दौरान गड़बड़ी की गई है. आरोप है कि कोरोना काल के दौरान जब सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगी थी, लेकिन इस अवधि में प्रशिक्षण के नाम पर करीब 70 करोड़ की धनराशि हड़प गई.
संबंधित खबरें पढ़ेंः कौशल विकास में प्रशिक्षण के नाम पर घोटाले का आरोप! RTI कार्यकर्ता विक्की खान का खुलासा

मामले में प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जबकि इस घोटाले में अधिकारी समेत करीब 27 एनजीओ भी शामिल हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में चल रही कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के नाम पर कई अनियमितताएं बरती गई और अकेले कोरोना काल में उत्तराखंड के 55 हजार छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कराकर उन्हें नौकरी तक आवंटित कर दी गई.

जिन छात्रों के आधार कार्ड लगाए गए हैं, वो पूरी तरह से फर्जी हैं. इस पूरे फर्जीवाड़े में केंद्र सरकार की योजना को 70 करोड़ का चूना लगा दिया गया है. जबकि, कोरोनाकाल में यह प्रशिक्षण कराया जाना असंभव था. वहीं, जनहित याचिका में इसकी जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई है.

नैनीतालः उत्तराखंड में कौशल विकास योजना के तहत कोरोना काल में हुए 70 करोड़ रुपए के घोटाले मामले में दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं. साथ ही याचिकाकर्ता को घोटाले में शामिल निजी कंपनियों और एनजीओ को पक्षकार बनाने को कहा है. अब इस मामले की सुनवाई आगामी 15 अप्रैल 2024 को होगी.

बता दें कि हल्द्वानी आवास विकास कॉलोनी निवासी एहतेशम हुसैन खान उर्फ विक्की खान समेत अन्य लोगों ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में केंद्र सरकार के सहायतित कौशल विकास योजना में कोरोना महामारी के दौरान गड़बड़ी की गई है. आरोप है कि कोरोना काल के दौरान जब सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगी थी, लेकिन इस अवधि में प्रशिक्षण के नाम पर करीब 70 करोड़ की धनराशि हड़प गई.
संबंधित खबरें पढ़ेंः कौशल विकास में प्रशिक्षण के नाम पर घोटाले का आरोप! RTI कार्यकर्ता विक्की खान का खुलासा

मामले में प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जबकि इस घोटाले में अधिकारी समेत करीब 27 एनजीओ भी शामिल हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में चल रही कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के नाम पर कई अनियमितताएं बरती गई और अकेले कोरोना काल में उत्तराखंड के 55 हजार छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कराकर उन्हें नौकरी तक आवंटित कर दी गई.

जिन छात्रों के आधार कार्ड लगाए गए हैं, वो पूरी तरह से फर्जी हैं. इस पूरे फर्जीवाड़े में केंद्र सरकार की योजना को 70 करोड़ का चूना लगा दिया गया है. जबकि, कोरोनाकाल में यह प्रशिक्षण कराया जाना असंभव था. वहीं, जनहित याचिका में इसकी जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.