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दून विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता मामले में सुनवाई, HC ने मांगी डिटेल रिपोर्ट - देहरादून ताजा खबर

Doon University Irregularities Case पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले में हाईकोर्ट ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से डिटेल रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. पूरा मामला दून विश्वविद्यालय में फर्नीचर खरीद से जुड़ा है.

Nainital High Court
नैनीताल उच्च न्यायालय
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 29, 2023, 6:43 PM IST

नैनीतालः देहरादून के दून विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार समेत विवि प्रशासन से विश्वविद्यालय में हुई अनियमितताओं की 6 महीने के भीतर डिटेल रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल 2024 को होगी.

गौर हो कि देहरादून के समाजसेविका अनु पंत ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि साल 2014 से 2016 तक दून विश्वविद्यालय में कई वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थी. जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से क्रय विक्रय प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी नहीं थी. जो कुर्सी और मेज खरीदने की संख्या दिखाई है, उससे कहीं ज्यादा खरीदे गए. इसी तरह कम्प्यूटर भी खरीदे गए. जिसका भुगतान कर दिया गया, लेकिन उसका कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है.
ये भी पढ़ेंः दून विश्वविद्यालय में अनियमितता का मामला, नैनीताल HC ने सरकार से किया जवाब तलब

याचिकाकर्ता का कहना है कि कौन सी वस्तु कितनी में खरीदी गई? इसका रिकॉर्ड गोलमोल कर दर्शाया गया है. जिससे संस्थान और राज्य सरकार को काफी आर्थिक क्षति पहुंची. वहीं, याचिकाकर्ता ने अपने प्रत्यावेदन के माध्यम से इसे राज्य सरकार के संज्ञान में भी लाया, जिस पर सरकार ने साल 2017 में इसकी जांच कराई.

वहीं, जांच में इसकी पुष्टि भी हुई. याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे स्पष्ट हो गया कि दून विश्वविद्यालय में सामान खरीदते समय भारी अनियमितता हुई है, लेकिन इस पर संस्थान या राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका दायर कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

नैनीतालः देहरादून के दून विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार समेत विवि प्रशासन से विश्वविद्यालय में हुई अनियमितताओं की 6 महीने के भीतर डिटेल रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल 2024 को होगी.

गौर हो कि देहरादून के समाजसेविका अनु पंत ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि साल 2014 से 2016 तक दून विश्वविद्यालय में कई वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थी. जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से क्रय विक्रय प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी नहीं थी. जो कुर्सी और मेज खरीदने की संख्या दिखाई है, उससे कहीं ज्यादा खरीदे गए. इसी तरह कम्प्यूटर भी खरीदे गए. जिसका भुगतान कर दिया गया, लेकिन उसका कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि कौन सी वस्तु कितनी में खरीदी गई? इसका रिकॉर्ड गोलमोल कर दर्शाया गया है. जिससे संस्थान और राज्य सरकार को काफी आर्थिक क्षति पहुंची. वहीं, याचिकाकर्ता ने अपने प्रत्यावेदन के माध्यम से इसे राज्य सरकार के संज्ञान में भी लाया, जिस पर सरकार ने साल 2017 में इसकी जांच कराई.

वहीं, जांच में इसकी पुष्टि भी हुई. याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे स्पष्ट हो गया कि दून विश्वविद्यालय में सामान खरीदते समय भारी अनियमितता हुई है, लेकिन इस पर संस्थान या राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका दायर कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

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