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स्वास्थ्य सचिव HC में पेश, कोर्ट ने कहा 'नैनीताल के अस्पताल की तुलना दिल्ली से न करें', पूरा मामला जानिए - बीड़ी पांडे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा

नैनीताल के बीड़ी पांडे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार से कहा कि नैनीताल के अस्पताल की तुलना दिल्ली या हल्द्वानी से न करें. क्योंकि, यह ग्रामीण क्षेत्र का एकमात्र जिला अस्पताल है. हर किसी को हायर सेंटर रेफर नहीं किया जा सकता. इसलिए यहां पर प्राथमिक उपचार की सुविधाएं होनी आवश्यक है. जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने कोर्ट से एक महीने का समय मांगा है.

Nainital BD Pandey Hospital
बीडी पांडे जिला अस्पताल नैनीताल
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Published : Jun 7, 2023, 9:23 PM IST

नैनीतालः बीडी पांडे जिला अस्पताल नैनीताल में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सूबे के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट कमिश्नर अधिवक्ता विकास बहुगुणा की ओर से बीडी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से संबंधित 11 पेज की रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखा गया. इस रिपोर्ट में अस्पताल में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी समेत अन्य कमियों का उल्लेख कर उन्हें दुरुस्त करने का आग्रह किया गया.

स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के लिए स्वास्थ्य सचिव ने मांगा एक महीने का समयः आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार को नैनीताल मुख्यालय के अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर व अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने के निर्देश दिए. इसके अलावा कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने को कहा. स्वास्थ्य सचिव ने इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए एक महीने का समय मांगा है. जिस पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार को एक महीने का समय देते हुए इस याचिका की सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तिथि तय की है.

नैनीताल के अस्पताल की तुलना दिल्ली से न करेंः हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से कहा कि यह दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों का एक मात्र जिला अस्पताल है. इसकी तुलना दिल्ली से न करें, क्योंकि हर कोई दिल्ली या हल्द्वानी नहीं जा सकता. अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है. कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर विचार किया जाए. कोर्ट ने उच्च न्यायालय की डिस्पेंसरी को शाम 4 बजे तक खोलने के आदेश दिए हैं, जो दिन में 2 बजे बंद हो जाता है.
ये भी पढ़ेंः Health System पर HC की नाराजगी, कहा- हॉस्पिटल में पट्टी बंधवाने के दिए थे 700 रुपए, DG हेल्थ से मांगी रिपोर्ट

दरअसल, नैनीताल के बीडी पांडे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ मल्लीताल निवासी सेवानिवृत्त अध्यापक अशोक साह उर्फ गुरु जी की जनहित याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता विकास बहुगुणा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उनसे अस्पताल का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था. कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दे दी है. जिसमें डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी समेत कई अन्य कमियों का उल्लेख है. जिन्हें तत्काल दुरुस्त करने की आवश्यकता बताई गई है.

अशोक शाह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी रही है. बीडी पांडे अस्पताल जिले का मुख्य होने के बाद भी छोटी-छोटी बीमारियों के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है. इस अस्पताल में इलाज कराने के लिए जिले के दूर दराज से कई मरीज आते हैं, लेकिन उनकी जांच कर हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. उन्होंने हाईकोर्ट की खंडपीठ से प्रार्थना की है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि दूर दराज से आने वाले लोगों को उचित समय पर इलाज मिल सके. याचिकाकर्ता की ओर से अकरम परवेज ने पैरवी की.

नैनीतालः बीडी पांडे जिला अस्पताल नैनीताल में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सूबे के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट कमिश्नर अधिवक्ता विकास बहुगुणा की ओर से बीडी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से संबंधित 11 पेज की रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखा गया. इस रिपोर्ट में अस्पताल में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी समेत अन्य कमियों का उल्लेख कर उन्हें दुरुस्त करने का आग्रह किया गया.

स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के लिए स्वास्थ्य सचिव ने मांगा एक महीने का समयः आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार को नैनीताल मुख्यालय के अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर व अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने के निर्देश दिए. इसके अलावा कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने को कहा. स्वास्थ्य सचिव ने इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए एक महीने का समय मांगा है. जिस पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार को एक महीने का समय देते हुए इस याचिका की सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तिथि तय की है.

नैनीताल के अस्पताल की तुलना दिल्ली से न करेंः हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से कहा कि यह दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों का एक मात्र जिला अस्पताल है. इसकी तुलना दिल्ली से न करें, क्योंकि हर कोई दिल्ली या हल्द्वानी नहीं जा सकता. अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है. कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर विचार किया जाए. कोर्ट ने उच्च न्यायालय की डिस्पेंसरी को शाम 4 बजे तक खोलने के आदेश दिए हैं, जो दिन में 2 बजे बंद हो जाता है.
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दरअसल, नैनीताल के बीडी पांडे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ मल्लीताल निवासी सेवानिवृत्त अध्यापक अशोक साह उर्फ गुरु जी की जनहित याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता विकास बहुगुणा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उनसे अस्पताल का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था. कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दे दी है. जिसमें डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी समेत कई अन्य कमियों का उल्लेख है. जिन्हें तत्काल दुरुस्त करने की आवश्यकता बताई गई है.

अशोक शाह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी रही है. बीडी पांडे अस्पताल जिले का मुख्य होने के बाद भी छोटी-छोटी बीमारियों के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है. इस अस्पताल में इलाज कराने के लिए जिले के दूर दराज से कई मरीज आते हैं, लेकिन उनकी जांच कर हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. उन्होंने हाईकोर्ट की खंडपीठ से प्रार्थना की है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि दूर दराज से आने वाले लोगों को उचित समय पर इलाज मिल सके. याचिकाकर्ता की ओर से अकरम परवेज ने पैरवी की.

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