नैनीताल: श्रीनगर के सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी कैंपस निर्माण मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. एनआईटी के स्थायी कैंपस निर्माण मामले को लेकर हाईकोर्ट में बीते एक हफ्ते से सुनवाई जारी है. इसी कड़ी में आज याचिकाकर्ता जसवीर सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार एनआईटी मामले में लापरवाही बरत रहे हैं. जिस कारण अबतक सुमाड़ी में एनआईटी का स्थाई कैंपस नहीं बन पाया है.
याचिकाकर्ता पक्ष सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को शुक्रवार तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी कैंपस निर्माण में क्या दिक्कत आ रही है? जिसे लेकर कल एनआईटी के स्थायी कैंपस निर्माण मामले में फिर से सुनवाई होगी.
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बता दें कि, कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन आज तक एनआईटी को स्थायी कैंपस नहीं मिला है. जिसे लेकर छात्र काफी लंबे समय से प्रदर्शन भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने आज तक उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि छात्र अपनी जान हथेली पर लेकर जर्जर बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
याचिकाकर्ता ने बताया कि स्थायी कैंपस की मांग कर रहे छात्रों में से एक छात्रा की प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है. उनकी मांग है कि राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर घायल छात्रा का इलाज करें. उन्होंने बताया कि मामला हाईकोर्ट की शरण में आने के बाद सरकार ने एनआईटी को श्रीनगर से जयपुर शिफ्ट करने का फैसला किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की थी. जिसके बाद पूर्व में राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते हुए कोर्ट को बताया था कि अब एनआईटी को श्रीनगर के सुमाड़ी में ही बनाया जाएगा. लेकिन आज तक सरकार ने एनआईटी के स्थायी कैंपस को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है.