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नैनीताल HC ने खानपुर MLA उमेश कुमार से मांगा जवाब, मंगलौर MLA अंसारी को भी नोटिस

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Published : Apr 25, 2022, 2:55 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 4:47 PM IST

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए उमेश कुमार के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने उमेश कुमार को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है. उधर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने मंगलौर हरिद्वार से बसपा के विजयी प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी के चुनाव को चुनौती देती याचिका पर भी सुनवाई की. अदालत ने सरवत करीम अंसारी और संबंधित लोगों से भी जवाब मांगा है. एक अन्य मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लोहाघाट सीट से कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की.

UTTARAKHAND HIGHCOURT
उत्तराखंड हाईकोर्ट

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट (UTTARAKHAND HIGHCOURT) ने खानपुर से निर्दलीय विधायक चुने गए उमेश कुमार (MLA Umesh Kumar) के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका (petition challenging the election) पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने उमेश कुमार को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.

मामले के मुताबिक, लक्सर निवासी वीरेंद्र कुमार ने खानपुर के विधायक उमेश कुमार के नामांकन में दिए गए शपथ पत्र में कई तथ्य छिपाने का आरोप लगाया है. याचिका में उमेश कुमार के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन 29 आपराधिक मामलों की सूची देते हुए कहा है कि उमेश कुमार ने केवल 16 मामलों की सूची ही शपथ पत्र के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश की है. जबकि मुख्य अपराधों को छिपाया गया है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके द्वारा वोटरों को प्रभावित करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर रुपये बांटे गए. इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाए. बता दें कि उमेश कुमार हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल HC में हुई खानपुर MLA के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई, तथ्य छिपाने का है मामला

BSP MLA के मामले पर सुनवाईः एक अन्य मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलौर सीट से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी (BSP MLA Sarwat Karim Ansari) के चुनाव को चुनौती देती याचिका (petition challenging the election) पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद विधायक सरवत करीम अंसारी सहित हारे हुए प्रत्याशी दिनेश सिंह पंवार, नवनीत कुमार, काजी मोहम्मद मोनिस, सरत पांडे, वीरेंद्र सिंह, अनिक अमहद, उबेदुर रहमान, राजवीर सिंह, सतीश कुमार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 7 जून को होगी.

मामले के मुताबिक, मंगलौर से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि वर्तमान विधायक सरवत करीम अंसारी द्वारा विधानसभा 2022 के चुनाव में नामांकन के दौरान जो शपथ पत्र पेश किया गया, उसमें उन्होंने कई तथ्य छिपाने के साथ ही अपनी संपत्तियों का सही ब्यौरा पेश नहीं किया. उन्होंने शपथ पत्र में अपनी व अपनी पत्नी की आय गलत पेश की. इनकम टैक्स का सही विवरण नहीं दिया है. शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी गलत पेश किए हैं. इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाए.
ये भी पढ़ेंः चुनाव में राहत कोष से पैसे बांटने का मामला, HC ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से मांगा जवाब

विधायक खुशाल सिंह को भी नोटिसः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लोहाघाट सीट से कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने विधायक खुशाल सिंह सहित चीफ इलेक्शन कमीशन उत्तराखंड, डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिसर, हारे हुए प्रत्याशी राजेश सिंह बिष्ट, धीरज लटवाल, प्रकाश सिंह, हिमेश, निसार खान को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

मामले के मुताबिक, लोहाघाट से हारे हुए प्रत्याशी पूरन सिंह फर्त्याल ने कांग्रेस के जीते हुए प्रत्याशी खुशाल सिंह के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर चुनौती दी है. उन्होंने अपनी चुनाव याचिका में कहा है कि विधायक ने अपना नामांकन 24 जनवरी को किया और शपथ पत्र 28 जनवरी को जमा किया, जो नियमों के विरुद्ध है. जिस दिन नामांकन किया जाता है, उसी दिन शपथ पत्र भी जमा किया जाना था. चुनाव याचिका में यह भी कहा गया है कि विधायक प्रथम श्रेणी का ठेकेदार भी है, जिसके वर्तमान में दस से अधिक ठेके चल रहे हैं. यही नहीं, निवार्चित होने के बाद भी 31 मार्च को विधायक ने सरकारी ठेका लिया है. इस आधार पर इनका चुनाव निरस्त किया जाए.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट (UTTARAKHAND HIGHCOURT) ने खानपुर से निर्दलीय विधायक चुने गए उमेश कुमार (MLA Umesh Kumar) के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका (petition challenging the election) पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने उमेश कुमार को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.

मामले के मुताबिक, लक्सर निवासी वीरेंद्र कुमार ने खानपुर के विधायक उमेश कुमार के नामांकन में दिए गए शपथ पत्र में कई तथ्य छिपाने का आरोप लगाया है. याचिका में उमेश कुमार के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन 29 आपराधिक मामलों की सूची देते हुए कहा है कि उमेश कुमार ने केवल 16 मामलों की सूची ही शपथ पत्र के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश की है. जबकि मुख्य अपराधों को छिपाया गया है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके द्वारा वोटरों को प्रभावित करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर रुपये बांटे गए. इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाए. बता दें कि उमेश कुमार हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं.
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BSP MLA के मामले पर सुनवाईः एक अन्य मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलौर सीट से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी (BSP MLA Sarwat Karim Ansari) के चुनाव को चुनौती देती याचिका (petition challenging the election) पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद विधायक सरवत करीम अंसारी सहित हारे हुए प्रत्याशी दिनेश सिंह पंवार, नवनीत कुमार, काजी मोहम्मद मोनिस, सरत पांडे, वीरेंद्र सिंह, अनिक अमहद, उबेदुर रहमान, राजवीर सिंह, सतीश कुमार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 7 जून को होगी.

मामले के मुताबिक, मंगलौर से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि वर्तमान विधायक सरवत करीम अंसारी द्वारा विधानसभा 2022 के चुनाव में नामांकन के दौरान जो शपथ पत्र पेश किया गया, उसमें उन्होंने कई तथ्य छिपाने के साथ ही अपनी संपत्तियों का सही ब्यौरा पेश नहीं किया. उन्होंने शपथ पत्र में अपनी व अपनी पत्नी की आय गलत पेश की. इनकम टैक्स का सही विवरण नहीं दिया है. शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी गलत पेश किए हैं. इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाए.
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विधायक खुशाल सिंह को भी नोटिसः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लोहाघाट सीट से कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने विधायक खुशाल सिंह सहित चीफ इलेक्शन कमीशन उत्तराखंड, डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिसर, हारे हुए प्रत्याशी राजेश सिंह बिष्ट, धीरज लटवाल, प्रकाश सिंह, हिमेश, निसार खान को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

मामले के मुताबिक, लोहाघाट से हारे हुए प्रत्याशी पूरन सिंह फर्त्याल ने कांग्रेस के जीते हुए प्रत्याशी खुशाल सिंह के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर चुनौती दी है. उन्होंने अपनी चुनाव याचिका में कहा है कि विधायक ने अपना नामांकन 24 जनवरी को किया और शपथ पत्र 28 जनवरी को जमा किया, जो नियमों के विरुद्ध है. जिस दिन नामांकन किया जाता है, उसी दिन शपथ पत्र भी जमा किया जाना था. चुनाव याचिका में यह भी कहा गया है कि विधायक प्रथम श्रेणी का ठेकेदार भी है, जिसके वर्तमान में दस से अधिक ठेके चल रहे हैं. यही नहीं, निवार्चित होने के बाद भी 31 मार्च को विधायक ने सरकारी ठेका लिया है. इस आधार पर इनका चुनाव निरस्त किया जाए.

Last Updated : Apr 25, 2022, 4:47 PM IST
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