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छात्रवृत्ति घोटाला: हाई कोर्ट ने खारिज किया SC आयोग का फैसला, जेल जाएंगे गीताराम नौटियाल - उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला

प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक और पूर्व समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल को लगा बड़ा झटका लगा है. नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एससी आयोग द्वारा गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी के आदेश को खारिज कर दी है.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Sep 17, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 6:59 PM IST

नैनीताल: प्रदेश के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने एससी आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें आयोग ने गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. साथ ही कोर्ट ने गीताराम नौटियाल पर कानूनी कार्रवाई में बाधा डालने के लिए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब एसआईटी गीताराम नौटियाल को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है.

सी के शर्मा,अधिवक्ता याचिकाकर्ता.

बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक और पूर्व समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. दोनों ही कोर्ट से गीताराम नौटियाल की याचिका खारिज कर दी गई. जिसके बाद गीताराम नौटियाल पर एसआईटी ने एफआईआर दर्ज कर पूछताछ शुरू की. पूछताछ में गीताराम नौटियाल ने एससी आयोग में अपना उत्पीड़न होने का मामला दर्ज कराते हुए कहा कि एसआईटी उनका उत्पीड़न कर रही है. जिसके बाद आयोग ने गीताराम नौटियाल पर कार्रवाई ना करने के आदेश दिए.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र ने पीएम मोदी के जन्मदिन पर किया फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन, बोले- उनके जीवन से ली सीख

आयोग के इस आदेश को देहरादून निवासी पंकज कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी. उन्होंने कहा कि आयोग को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. लिहाजा इन पर कार्रवाई जारी रखी जाए, साथ ही मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और आयोग ने कोर्ट के कार्य में हस्तक्षेप किया है. जिसके बाद अब आयोग के सभी लोगों पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई भी की जाए.

मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एससी आयोग द्वारा गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी के आदेश को खारिज कर दिया है. जिससे गीताराम नौटियाल को बड़ा झटका लगा है.

इस छात्रवृत्ति घोटाले मामले में राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगराज ने भी जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एसआईटी को आदेश दिए थे कि वह मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करे. जिसके आधार पर एसआईटी ने गीताराम नौटियाल पर कार्रवाई की थी.

नैनीताल: प्रदेश के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने एससी आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें आयोग ने गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. साथ ही कोर्ट ने गीताराम नौटियाल पर कानूनी कार्रवाई में बाधा डालने के लिए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब एसआईटी गीताराम नौटियाल को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है.

सी के शर्मा,अधिवक्ता याचिकाकर्ता.

बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक और पूर्व समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. दोनों ही कोर्ट से गीताराम नौटियाल की याचिका खारिज कर दी गई. जिसके बाद गीताराम नौटियाल पर एसआईटी ने एफआईआर दर्ज कर पूछताछ शुरू की. पूछताछ में गीताराम नौटियाल ने एससी आयोग में अपना उत्पीड़न होने का मामला दर्ज कराते हुए कहा कि एसआईटी उनका उत्पीड़न कर रही है. जिसके बाद आयोग ने गीताराम नौटियाल पर कार्रवाई ना करने के आदेश दिए.

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आयोग के इस आदेश को देहरादून निवासी पंकज कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी. उन्होंने कहा कि आयोग को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. लिहाजा इन पर कार्रवाई जारी रखी जाए, साथ ही मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और आयोग ने कोर्ट के कार्य में हस्तक्षेप किया है. जिसके बाद अब आयोग के सभी लोगों पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई भी की जाए.

मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एससी आयोग द्वारा गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी के आदेश को खारिज कर दिया है. जिससे गीताराम नौटियाल को बड़ा झटका लगा है.

इस छात्रवृत्ति घोटाले मामले में राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगराज ने भी जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एसआईटी को आदेश दिए थे कि वह मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करे. जिसके आधार पर एसआईटी ने गीताराम नौटियाल पर कार्रवाई की थी.

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प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में समाज कल्याण के संयुक्त निर्देशक और पूर्व समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल को लगा बड़ा झटका।

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प्रदेश के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एससी आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें ऐसी आयोग ने गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, साथ ही कोर्ट ने गीताराम नौटियाल पर कानूनी कार्यवाही में बाधा डालने के मामले पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है, हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब कभी भी एसआईटी गीताराम नौटियाल को गिरफ्तार कर सकती है।




Body:आपको बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी गीताराम नौटियाल ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और दोनों ही कोर्ट से गीताराम नौटियाल की याचिका खारिज कर दी गई, जिसके बाद गीताराम नौटियाल पर एसआईटी ने एफ आई आर दर्ज की और एफ आई आर दर्ज होने के बाद गीताराम नौटियाल से पूछताछ भी, घोटाले के मामले में पूछताछ शुरू होने पर गीताराम नौटियाल ने एससी आयोग में अपना उत्पीड़न होने का मामला दर्ज कराया और कहा कि एसआईटी उनसे पूछताछ के नाम पर उत्पीड़न कर रही है, जिसके बाद आयोग ने गीताराम नौटियाल पर कार्यवाही ना करने के आदेश दिए।


Conclusion:आयोग के इस आदेश को देहरादून निवासी पंकज कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती देते हुए कहा कि आयोग को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है लिहाजा इन पर कार्रवाई जारी रखी जाए, साथ ही मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और आयोग ने कोर्ट के कार्य में हस्तक्षेप करा है तो लिहाजा आयोग के सभी लोगों पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई भी की जाए।
मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन न्यायधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एससी आयोग द्वारा गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी के आदेश को खारिज कर दिया जिससे गीताराम नौटियाल को बड़ा झटका लगा है।

आपको बताते चलें कि घोटाले के मामले में राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगराज ने भी जनहित याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एसआईटी को आदेश दिए थे कि वह मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करें जिसके आधार पर एसआईटी ने गीताराम नौटियाल पर कार्रवाई की थी ।

बाईट- सी के शर्मा,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Sep 17, 2019, 6:59 PM IST
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