नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों के प्रस्तावित कटान के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर एक बार फिर सुनवाई की. इस मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने पेड़ों की कटान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार सहित याचिकाकर्ता को 16 अगस्त तक जवाब पेश करने निर्देश दिए हैं. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त की तिथि नियत की है.
इस मामले के अनुसार देहरादून निवासी और समाज सेवी आशीष गर्ग ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून जोगीवाला से खिरसाली चौक होते हुए सहस्त्रधारा मार्ग के प्रस्तावित चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों का कटान किया जाना है. देहरादून घाटी और शहर पहले से ही जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है और हर जगह हीट आइलैंड विकसित हो रहे हैं. तापमान में बढ़ोत्तरी भी देखी जा रही है.
वहीं, एक ओर सहस्त्रधारा अपने शीतल जल और पर्यावरण के लिए जाना जाता है. दूसरी ओर इस तरह के प्रस्तावित कटान से पूरा सहस्त्रधारा तक का रास्ता बिल्कुल उजाड़ और बंजर हो जाएगा. इसके अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पेडों के कटान पर रोक लगाई जाए. जबकि, पूर्व में कोर्ट ने पेड़ों के कटान पर लगी रोक को हटा दिया था और सरकार को निर्देश दिए थे कि जरूरी पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाय और रोड के दोनों तरफ पेड़ लगाएं जाय.
जिसमें आज याचिकाकर्ता के द्वारा फिर से प्रार्थना-पत्र देकर कहा कि पेड़ों के कटान से जलवायु परिवर्तन और पानी समस्या उत्पन्न होगी. ऐसे में रोड के चौड़ीकरण के लिए कोई दूसरा विकल्प निकाला जाए. इसलिए इस पर फिर से रोक लगाई जाए. सरकार की तरफ से कहा गया कि पूर्व के आदेश पर यूकेलिप्टिस के कई पेड़ काटे दिए गए हैं और कई कीमती पेडों का ट्रांसप्लांट किया जा रहा है.