नैनीताल: हाईकोर्ट में कोटद्वार के ऐतिहासिक कण्वाश्रम व रतनाल नदी के किनारे राज्य सरकार के द्वारा स्वीकृत ट्रंचिंग ग्राउंड की अनुमति दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने कोटद्वार नगर निगम समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.
मामले को हल्दूखाता (भाबर) कोटद्वार निवासी प्रदीप सिंह रावत की ओर से चुनौती दी गयी है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि कण्वाश्रम आध्यात्मिक नगरी और सम्राट भरत की जन्मस्थली है. केन्द्र सरकार की ओर से इस क्षेत्र को आइकोनिक स्थल के रूप में घोषित किया गया है.केन्द्र सरकार इसके विकास और सौंदर्यीकरण के लिए भी प्रयासरत है. राज्य सरकार द्वारा मालिनी नदी की उपधारा कही जाने वाली रतनाल नदी के तट पर कोटद्वार क्षेत्र के 40 टन कूड़ा निस्तारण के लिये बड़े ट्रंचिंग ग्राउंड का निर्माण किया जा रहा है. केन्द्र सरकार की ओर से भी इसके लिए स्वीकृति दे दी गयी है.
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आगे कहा गया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कण्वाश्रम के आसपास ऐसा निर्माण नहीं किया जा सकता है. राज्य सरकार की ओर से भी इस मामले में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स का उल्लंघन किया जा रहा है. जिस क्षेत्र में ट्रंचिंग ग्राउंड का निर्माण किया जा रहा है उससे कुछ दूरी ऐतिहासिक मालिनी नदी, आवासीय क्षेत्र और स्कूल-कॉलेज मौजूद हैं. खंडपीठ ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर केन्द्र व राज्य सरकार के अलावा जिलाधिकारी पौड़ी और कोटद्वार नगर निगम को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले में 4 सितंबर को सुनवाई होगी.