नैनीताल: प्रदेश सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर लगाए जा रहे एस्मा के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और परिवहन निगम से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. साथ ही उत्तरप्रदेश सरकार से भी ₹700 करोड़ रुपये देने के मामले में जवाब मांगा है. रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन ने रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने के विरोध में नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो सरासर गलत है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं और न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं. उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया गया है. साथ ही रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया है.
गौरतलब है कि कर्मचारी यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, बावजूद इसके सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. याचिका में कहा गया कि सरकार द्वारा निगम को ₹45 करोड़ रुपये बकाये का भुगतान करना है. वहीं, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को ₹700 करोड़ देना है. जिसकी वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश से ₹700 करोड़ लेने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. इसलिए उत्तराखंड सरकार उनको पैसा नहीं दे पा रही है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है और न ही यात्रियों की सुविधा-सुरक्षा के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाओं की व्यवस्था कर पा रहा है. जबकि पूर्व में कोर्ट ने बसों में सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं देने के आदेश दिए थे.
मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दोनों राज्यों की सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.