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आखिर कौन लगा जाता है यहां शवों को ठिकाने? अज्ञात लाशों का कब्रगाह बनता जा रहा जिला - Unidentified bodies

उत्तराखंड राज्य के गठन होने के बाद से लगातार नैनीताल जिले में अज्ञात शव मिलने का सिलसिला जारी है. हैरत की बात ये है कि इन अज्ञात शवों की पुलिस आज तक शिनाख्त तक नहीं करा पाई है.

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अज्ञात शवों की शिनाख्त करने में रहा लावारिस
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Published : Jul 13, 2020, 12:35 PM IST

Updated : Jul 13, 2020, 5:07 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश का नैनीताल जिला अज्ञात लाशों का कब्रगाह बनता जा रहा है. अपराधी कुमाऊं की शांत वादियों को अज्ञात लाशों का ठिकाना बनाकर पर्यटन के नाम पर मौज-मस्ती के नाम पर शवों को ठिकाने लगा रहे हैं. जिसके चलते अज्ञात लाशों आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं पुलिस इन अज्ञात लाशों की शिनाख्त तक नहीं कर पा रही है.

गौर हो कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से नैनीताल जिले में तकरीबन 580 अज्ञात लाशें बरामद हुई है. लेकिन अभी तक 480 अज्ञात लाशों की शिनाख्त पुलिस महकमा नहीं कर पाया है. जिसके चलते इन लाशों की पहचान पुलिस की फाइलों में लावारिस के तौर पर दर्ज है.

आखिर कौन लगा जाता है यहां शवों को ठिकाने?

बता दें कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से अपराधिक मामलों में नैनीताल जिला अव्वल रहा है. राज्य में अभी तक 425 हत्या के मामले सामने आए हैं. जिसमें 30 लाशों की शिनाख्त पुलिस नहीं कर पायी है, जबकि 70 हत्या के मामलों में पुलिस खुलासा तक नहीं कर पाई है.

नैनीताल जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों पर डालते हैं एक नजर

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विभिन्न थाना क्षेत्रों के आंकड़े

केस नंबर 1 : 24 अप्रैल 2017 को हल्द्वानी बरेली रोड पर बेरी पड़ाव में एक महिला की गला दबाकर हत्या कर उसकी लाश को सड़क किनारे फेंकी गई थी. इस दौरान पूरी घटना सीसीटीवी में कैद होने के बावजूद भी पुलिस आज तक उस हत्याकांड का पर्दाफाश नहीं कर पाई.

केस नंबर 2: 2 दिसंबर 2018 को गौला नदी के किनारे अधेड़ के सिर को पत्थरों से कुचल कर हत्या कर दी गई थी. पुलिस आज तक उस घटना का खुलासा नही कर पाई.

केस नंबर 3: 2 फरवरी 2014 को लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में पुलिस चेकपोस्ट के पास सड़क किनारे धारदार हथियार से महिला की गला रेत कर हत्या की गई थी. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 4 : अप्रैल 2017 में हल्द्वानी भीमताल मार्ग सलडी के पास हाईवे किनारे महिला की अधजली लाश बरामद की गई थी. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 5 : 12 अप्रैल 2018 को बरेली रामपुर रोड बाईपास किनारे अधजले युवक की लाश बरामद की गई. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 6: 14 मई 2019 को कालाढूंगी के बेलपड़ाव चौकी क्षेत्र में एक महिला की अधजली लाश बरामद की गई. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 7: मार्च 2014 में रामनगर थाना क्षेत्र में संदिग्ध हालत में महिला की अधजली लाश मिली थी. जिसकी आज तक पुलिस शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 8 : अप्रैल 2015 में भीमताल थाना क्षेत्र के सड़क किनारे झाड़ियों में 28 वर्षीय महिला की लाश मिली. जिसे पुलिस ने खुलासे की दावें तो किए, लेकिन आज भी खुलासा नहीं कर पाई है.

केस नंबर 9 : 12 मई 2018 को नैनीताल रोड पर बूढ़ा पहाड़ के पास सड़क किनारे 30 वर्षीय युवक का शव बरामद हुआ था. लेकिन पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई है.

केस नंबर 10 : 6 जुलाई 2020 को बरेली रामपुर बाईपास पर सड़क किनारे एक महिला की लाश झाड़ियों से बरामद की गई थी. वहीं पुलिस शिनाख्त के लिए एक सप्ताह से हवा में तीर चला रही है.

एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने बताया कि अज्ञात शवों की शिनाख्त के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. पेपरों और रेडियो के माध्यम से अज्ञात शवों की जानकारियां प्रसारण किया जा रहा है. इसके अलावा सुशीला तिवारी अस्पताल में सबसे ज्यादा अज्ञात लाशें आती हैं. जो सड़क हादसे या अन्य बीमारियों के चलते मौत हुई होती है. जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाती है. उन लाखों की भी शिनाख्त करने का प्रयास किया जा रहा है.

हल्द्वानी: प्रदेश का नैनीताल जिला अज्ञात लाशों का कब्रगाह बनता जा रहा है. अपराधी कुमाऊं की शांत वादियों को अज्ञात लाशों का ठिकाना बनाकर पर्यटन के नाम पर मौज-मस्ती के नाम पर शवों को ठिकाने लगा रहे हैं. जिसके चलते अज्ञात लाशों आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं पुलिस इन अज्ञात लाशों की शिनाख्त तक नहीं कर पा रही है.

गौर हो कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से नैनीताल जिले में तकरीबन 580 अज्ञात लाशें बरामद हुई है. लेकिन अभी तक 480 अज्ञात लाशों की शिनाख्त पुलिस महकमा नहीं कर पाया है. जिसके चलते इन लाशों की पहचान पुलिस की फाइलों में लावारिस के तौर पर दर्ज है.

आखिर कौन लगा जाता है यहां शवों को ठिकाने?

बता दें कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से अपराधिक मामलों में नैनीताल जिला अव्वल रहा है. राज्य में अभी तक 425 हत्या के मामले सामने आए हैं. जिसमें 30 लाशों की शिनाख्त पुलिस नहीं कर पायी है, जबकि 70 हत्या के मामलों में पुलिस खुलासा तक नहीं कर पाई है.

नैनीताल जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों पर डालते हैं एक नजर

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विभिन्न थाना क्षेत्रों के आंकड़े

केस नंबर 1 : 24 अप्रैल 2017 को हल्द्वानी बरेली रोड पर बेरी पड़ाव में एक महिला की गला दबाकर हत्या कर उसकी लाश को सड़क किनारे फेंकी गई थी. इस दौरान पूरी घटना सीसीटीवी में कैद होने के बावजूद भी पुलिस आज तक उस हत्याकांड का पर्दाफाश नहीं कर पाई.

केस नंबर 2: 2 दिसंबर 2018 को गौला नदी के किनारे अधेड़ के सिर को पत्थरों से कुचल कर हत्या कर दी गई थी. पुलिस आज तक उस घटना का खुलासा नही कर पाई.

केस नंबर 3: 2 फरवरी 2014 को लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में पुलिस चेकपोस्ट के पास सड़क किनारे धारदार हथियार से महिला की गला रेत कर हत्या की गई थी. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 4 : अप्रैल 2017 में हल्द्वानी भीमताल मार्ग सलडी के पास हाईवे किनारे महिला की अधजली लाश बरामद की गई थी. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 5 : 12 अप्रैल 2018 को बरेली रामपुर रोड बाईपास किनारे अधजले युवक की लाश बरामद की गई. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 6: 14 मई 2019 को कालाढूंगी के बेलपड़ाव चौकी क्षेत्र में एक महिला की अधजली लाश बरामद की गई. जिसकी पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 7: मार्च 2014 में रामनगर थाना क्षेत्र में संदिग्ध हालत में महिला की अधजली लाश मिली थी. जिसकी आज तक पुलिस शिनाख्त नहीं कर पाई.

केस नंबर 8 : अप्रैल 2015 में भीमताल थाना क्षेत्र के सड़क किनारे झाड़ियों में 28 वर्षीय महिला की लाश मिली. जिसे पुलिस ने खुलासे की दावें तो किए, लेकिन आज भी खुलासा नहीं कर पाई है.

केस नंबर 9 : 12 मई 2018 को नैनीताल रोड पर बूढ़ा पहाड़ के पास सड़क किनारे 30 वर्षीय युवक का शव बरामद हुआ था. लेकिन पुलिस आज तक शिनाख्त नहीं कर पाई है.

केस नंबर 10 : 6 जुलाई 2020 को बरेली रामपुर बाईपास पर सड़क किनारे एक महिला की लाश झाड़ियों से बरामद की गई थी. वहीं पुलिस शिनाख्त के लिए एक सप्ताह से हवा में तीर चला रही है.

एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने बताया कि अज्ञात शवों की शिनाख्त के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. पेपरों और रेडियो के माध्यम से अज्ञात शवों की जानकारियां प्रसारण किया जा रहा है. इसके अलावा सुशीला तिवारी अस्पताल में सबसे ज्यादा अज्ञात लाशें आती हैं. जो सड़क हादसे या अन्य बीमारियों के चलते मौत हुई होती है. जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाती है. उन लाखों की भी शिनाख्त करने का प्रयास किया जा रहा है.

Last Updated : Jul 13, 2020, 5:07 PM IST
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