नैनीताल: उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाने के लिए डीएम नैनीताल के द्वारा विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में डीएम ने कहा कि जंगलों में लगने वाली आग जीव-जंतुओं के विनाश, जल स्रोतों में कमी, पारिस्थितिक असंतुलन और वातावरण को प्रदूषित करती है. जिससे उत्तराखंड के पर्यटन के कारोबार भी प्रभावित होता है. लिहाजा, आगामी गर्मी के सीजन में जंगल में आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाना जरूरी है.
गर्मियों का मौसम आने से पहले उत्तराखंड वन विभाग की चिंताएं भी बढ़ने लगीं हैं, क्योंकि बीते कई सालों से उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग वन विभाग समेत राज्य सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है. इसी को देखते हुए नैनीताल में डीएम सविन बंसल ने वन अधिकारियों के साथ अहम बैठक की ताकि गर्मियों में जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाया जा सके और अमूल्य संपदा को बचाया जा सके.
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बैठक में वन अधिकारियों ने जंगलों में आग पर काबू पाने के वनकर्मियों की नियुक्ति और आग से निपटने के लिए उपकरणों की मांग की गई. जिस पर डीएम सविन बंसल ने वन अधिकारियों को उपकरण खरीद के लिए प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान डीएम के द्वारा जिले के 500 वन पंचायतों के सरपंचों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने स्तर से लीसे से मिलने वाली रॉयल्टी से जंगलों की आग बुझाने के लिए अस्थाई कर्मचारियों को नियुक्त करें ताकि जंगलों पर आग न लगे.