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दावानल से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर, तैयारियों में जुटे अधिकारी

गर्मियों में लगने वाली आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए नैनीताल जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान वन अधिकारियों ने आग पर काबू पाने के वनकर्मियों की नियुक्ति और आग से निपटने के लिए उपकरणों की मांग की गई.

Nainital news
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Published : Jan 23, 2020, 8:43 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाने के लिए डीएम नैनीताल के द्वारा विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में डीएम ने कहा कि जंगलों में लगने वाली आग जीव-जंतुओं के विनाश, जल स्रोतों में कमी, पारिस्थितिक असंतुलन और वातावरण को प्रदूषित करती है. जिससे उत्तराखंड के पर्यटन के कारोबार भी प्रभावित होता है. लिहाजा, आगामी गर्मी के सीजन में जंगल में आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाना जरूरी है.

आग से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर.

गर्मियों का मौसम आने से पहले उत्तराखंड वन विभाग की चिंताएं भी बढ़ने लगीं हैं, क्योंकि बीते कई सालों से उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग वन विभाग समेत राज्य सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है. इसी को देखते हुए नैनीताल में डीएम सविन बंसल ने वन अधिकारियों के साथ अहम बैठक की ताकि गर्मियों में जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाया जा सके और अमूल्य संपदा को बचाया जा सके.

पढ़ें- CM त्रिवेंद्र का बड़ा बयान- उत्तराखंड का माहौल बिगाड़ने जामिया और कश्मीर से आए लोग

बैठक में वन अधिकारियों ने जंगलों में आग पर काबू पाने के वनकर्मियों की नियुक्ति और आग से निपटने के लिए उपकरणों की मांग की गई. जिस पर डीएम सविन बंसल ने वन अधिकारियों को उपकरण खरीद के लिए प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान डीएम के द्वारा जिले के 500 वन पंचायतों के सरपंचों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने स्तर से लीसे से मिलने वाली रॉयल्टी से जंगलों की आग बुझाने के लिए अस्थाई कर्मचारियों को नियुक्त करें ताकि जंगलों पर आग न लगे.

नैनीताल: उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाने के लिए डीएम नैनीताल के द्वारा विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में डीएम ने कहा कि जंगलों में लगने वाली आग जीव-जंतुओं के विनाश, जल स्रोतों में कमी, पारिस्थितिक असंतुलन और वातावरण को प्रदूषित करती है. जिससे उत्तराखंड के पर्यटन के कारोबार भी प्रभावित होता है. लिहाजा, आगामी गर्मी के सीजन में जंगल में आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाना जरूरी है.

आग से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर.

गर्मियों का मौसम आने से पहले उत्तराखंड वन विभाग की चिंताएं भी बढ़ने लगीं हैं, क्योंकि बीते कई सालों से उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग वन विभाग समेत राज्य सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है. इसी को देखते हुए नैनीताल में डीएम सविन बंसल ने वन अधिकारियों के साथ अहम बैठक की ताकि गर्मियों में जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाया जा सके और अमूल्य संपदा को बचाया जा सके.

पढ़ें- CM त्रिवेंद्र का बड़ा बयान- उत्तराखंड का माहौल बिगाड़ने जामिया और कश्मीर से आए लोग

बैठक में वन अधिकारियों ने जंगलों में आग पर काबू पाने के वनकर्मियों की नियुक्ति और आग से निपटने के लिए उपकरणों की मांग की गई. जिस पर डीएम सविन बंसल ने वन अधिकारियों को उपकरण खरीद के लिए प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान डीएम के द्वारा जिले के 500 वन पंचायतों के सरपंचों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने स्तर से लीसे से मिलने वाली रॉयल्टी से जंगलों की आग बुझाने के लिए अस्थाई कर्मचारियों को नियुक्त करें ताकि जंगलों पर आग न लगे.

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उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग से पर्यावरण और उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार पर पड़ता है गहरा असर, डीएम नैनीताल।

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उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाने के लिए डीएम नैनीताल के द्वारा विभागीय अधिकारियों की बैठक ली इसमें डीएम द्वारा कहा गया कि जंगलों में लगने वाली आग जीव जंतुओं के विनाश, जल स्रोतों में कमी, पारिस्थितिक असंतुलन और वातावरण को प्रदूषित करती है जिससे उत्तराखंड के पर्यटन के कारोबार भी प्रभावित होता है लिहाजा आने वाले ग्रीष्म काल में वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण पाना अति आवश्यक है।


Body:गर्मियों का मौसम आते ही उत्तराखंड में वन विभाग की चिंताएं भी बढ़ने लगी है क्योंकि लगातार बीते कई सालों से उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग वन विभाग समेत राज्य सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है इसी को देखते हुए आज नैनीताल में डीएम सबीन बंसल के द्वारा जिले के सभी वन अधिकारियों के साथ आग लगने वाली घटनाओं से निपटने के लिए बैठक की गई ताकि गर्मियों के दौरान वनों में लगने वाली आग पर जल्द से जल्द नियंत्रण पाया जा सके और अमूल्य संपदा को बचाया जा सके।
बैठक के दौरान वन अधिकारियों द्वारा जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए 15 ब्लोअर और 15 हाई क्वालिटी टोर्च की मांग की गई है ताकि आग लगने की घटनाओं के दौरान वन कर्मचारियों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, जिस पर डीएम सविन बंसल के द्वारा वन अधिकारियों को उपकरण खरीद के लिए प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए हैं।


Conclusion:इस दौरान डीएम के द्वारा जिले के 500 वन पंचायतों के सरपंचों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने स्तर से लीसे से मिलने वाली रॉयल्टी से जंगलों की आग बुझाने के लिए अस्थाई कर्मचारियों को नियुक्त करें ताकि जंगलों पर आग ना लगे।

बाईट- सविन बंसल, डीएम नैनीताल।
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