हल्द्वानीः त्रिवेंद्र सरकार में बनाए गए करीब 115 दायित्व धारियों की तीरथ सरकार ने एक झटके में छुट्टी कर दी. जिसके बाद अब पद मुक्त हुए दायित्व धारियों में असंतोष की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. आगामी 2022 विधासभा चुनाव भी नजदीक है, ऐसे में बीजेपी को कोई बड़ा नुकसान न हो, इसे लेकर पार्टी के बड़े नेता अभी से सरकार के बचाव में उतर रहे हैं. सांसद अजय भट्ट ने भी दायित्व धारियों का बचाव करते हुए कहा कि ये संगठन का आंतरिक मामला है.
सांसद अजय भट्ट ने कहा है कि मुख्यमंत्री को पूरा अधिकार है कि वह सरकार को कैसे चलाएंगे और यह संगठन का आपसी मामला है. किसको दायित्व देना है और किसको नहीं देना है, यह मुख्यमंत्री को निर्णय लेना है. उन्होंने कहा कि पार्टी किस को दायित्व दे, किस को दायित्व नहीं दे, यह पार्टी का अपना आंतरिक मामला है. बीजेपी कार्यकर्ता को जो भी पद दिया जाता है. उसे वो बखूबी से निभाता है. उन्होंने कहा कि हटाए गए दायित्व धारियों में कोई असंतोष नहीं है.
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गौर हो कि तीन दिन पहले तीरथ सरकार ने त्रिवेंद्र सरकार में बनाए गए सभी दायित्व धारियों को एक झटके में पद मुक्त कर दिया था. उनमें कई ऐसे दायित्व धारी भी थे, जिन्होंने अपने काम की शुरुआत की थी. लेकिन सरकार के फैसले ने उनको निराश कर दिया है. ऐसे में बहुत से दायित्व धारियों में असंतोष की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है.
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बताया जा रहा है कि तीरथ सरकार में अब दायित्व धारियों के तौर पर नए लोग आ सकते हैं. ऐसे में अगर पुराने दायित्व धारियों को दरकिनार किया गया तो आने वाले चुनाव में बीजेपी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि, जो भी दायित्व धारी हैं, अपने-अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं. फिलहाल, पद मुक्त होने के बाद अभी कोई भी दायित्व धारी खुलकर बोलने को राजी नहीं है, लेकिन आने वाले समय बीजेपी के लिए मुश्किल की घड़ी लेकर आएगी.