हल्द्वानी: संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को नैनीताल से बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने सदन में उत्तराखंड को लेकर कई प्रस्ताव रखे. जिसमें से एक उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा (कुमाऊंनी और गढ़वाली) को राष्ट्रभाषा को दर्जा मिलने का प्रस्ताव था. जिस पर सदन ने स्वीकार कर लिया. इसके अलावा सांसद अजय भट्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता का भी प्रस्ताव सदन में रखा.
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आज संसद में लोक महत्व के अविलम्बनीय मुद्दे सत्र के अन्तर्गत अल्मोड़ा नैनीताल ज़िले के मध्य मोहान स्तिथ Indian Medicine Pharmaceutical Corporation Limited (IMPCL) के विनिवेश का मुद्दा प्रमुखता से उठाया तथा इससे होने वाले प्रभावों से भी सरकार को अवगत कराया.! pic.twitter.com/6ypsYGusI5
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शुक्रवार को सांसद अजय भट्ट ने सदन में तीन महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक को टेबल पर रखते हुए अपने विचार व्यक्त किए. तीनों बिल सदन में स्वीकार किए गए. जिसमें से एक उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा (कुमाऊंनी और गढ़वाली) को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का प्रस्ताव सदन में रखा था. ताकि इन दोनों भाषाओं को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिल सके. उन्होंने कहा कि कुमाऊंनी और गढ़वाली भाषाओं के विकास के लिए एक अकादमी की स्थापना की बात भी रखी.
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इसके बाद अजय भट्ट ने समान नागरिक संहिता कानून पर जोर देते हुए कहा कि यह बेहद आवश्यक है. तीसरे बिल जनसंख्या नियंत्रण विधायक पर था. जिस पर भट्ट ने कहा कि भविष्य की समस्याओं को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण विधायक बनाने पर जोर दिया.