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कल से गौला नदी में शुरू होगा खनन, एक लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार - नंधौर नदी से खनन

गौला नदी में गुरुवार से खनन का काम शुरू होगा. जबकि, नंधौर नदी में 4 नवंबर से खनन किया जाएगा.

खनन
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Published : Oct 30, 2019, 4:50 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 6:32 PM IST

हल्द्वानीः मॉनसून सीजन खत्म होने के बाद गुरुवार यानि कल से गौला नदी में खनन शुरू हो जाएगा. इसके लिए वन विभाग और वन विकास निगम ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वही, आगामी 4 नवंबर से नंधौर नदी में भी खनन का काम शुरू होगा.

गौला नदी में गुरुवार से शुरू होगा खनन.

कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी और नंधौर नदी में खनन शुरू होने जा रहा है. 31 अक्टूबर को गौला नदी के लाल कुआं खनन निकासी गेट खनन और चुगान के लिए खोल दिए जाएंगे. जिसके बाद नदी के सभी 11 गेटों को भी खनन के लिए खोल दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः स्टिंग मामले को लेकर CBI के खिलाफ मोर्चा खोलेगी कांग्रेस, हरदा के बारे में जानेंगे लोगों की राय

प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि 4 नवंबर को नंधौर नदी से भी खनन शुरू कर दिया जाएगा. अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए खनन निकासी गेटों की सीसीटीवी से निगरानी होगी. साथ ही जीपीएस सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

गौर हो कि कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी से मानसून सत्र के बाद हर साल बड़े पैमाने पर खनन का कारोबार होता है. इस दौरान करीब साढ़े 7000 वाहन खनन ढुलान में लगते हैं. साथ ही झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों से पहुंचे मजदूर खनन निकासी का काम करते हैं.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा: लोगों ने की विकास प्राधिकरण को हटाए जाने की मांग, जबरन नियम थोपने पर रोष

खनन कई लोगों के लिए रोजी-रोटी का जरिया होता है. जबकि, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख लोगों को रोजगार भी मिलता है. इस खनन के कारोबार से सरकार को सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है.

हल्द्वानीः मॉनसून सीजन खत्म होने के बाद गुरुवार यानि कल से गौला नदी में खनन शुरू हो जाएगा. इसके लिए वन विभाग और वन विकास निगम ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वही, आगामी 4 नवंबर से नंधौर नदी में भी खनन का काम शुरू होगा.

गौला नदी में गुरुवार से शुरू होगा खनन.

कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी और नंधौर नदी में खनन शुरू होने जा रहा है. 31 अक्टूबर को गौला नदी के लाल कुआं खनन निकासी गेट खनन और चुगान के लिए खोल दिए जाएंगे. जिसके बाद नदी के सभी 11 गेटों को भी खनन के लिए खोल दिया जाएगा.

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प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि 4 नवंबर को नंधौर नदी से भी खनन शुरू कर दिया जाएगा. अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए खनन निकासी गेटों की सीसीटीवी से निगरानी होगी. साथ ही जीपीएस सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

गौर हो कि कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी से मानसून सत्र के बाद हर साल बड़े पैमाने पर खनन का कारोबार होता है. इस दौरान करीब साढ़े 7000 वाहन खनन ढुलान में लगते हैं. साथ ही झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों से पहुंचे मजदूर खनन निकासी का काम करते हैं.

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खनन कई लोगों के लिए रोजी-रोटी का जरिया होता है. जबकि, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख लोगों को रोजगार भी मिलता है. इस खनन के कारोबार से सरकार को सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है.

Intro:sammry- गुरुवार से गौला नदी में खांनकेगे फोड़े और बेलचे 7000 वाहन स्वामियों एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार वन विभाग ने सभी तैयारियां की पूरी।


एंकर- मानसून सत्र के बाद 31 अक्टूबर गुरुवार से कुमाऊ की लाइफ लाइन कहे जाने वाले गौला नदी में खनन शुरू हो जाएग। वन विभाग और वन विकास निगम खनन की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। गौला नदी के साथ नंधौर नदी में 4 नवंबर से खनन शुरू हो जाएगा। खनन शुरू हो जाने से लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।


Body:कुमाऊं की लाइफलाइन कही जाने वाली गोला नदी और नंधौर नदी खनन शुरू होने जा रहा है। 31 अक्टूबर गुरुवार को गौला नदी के लाल कुआं खनन निकासी गेट खाना न चुगान के साथ खनन निकासी के लिए शुभारंभ हो जाएगा जिसके बाद नदी के सभी 11 गेटों को अगले तैयारियों के साथ ही खोल दिया जाएगा।

प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि लाल कुआं खाना निकासी गेट से गुरुवार को नदी से खनन की निकासी शुरू हो जाएगी। उसके साथ ही अगले तैयारियों को अनुसार नदी के सभी 11 गेटों को निकासी के लिए खोल दिया जाएगा। नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि 4 नवंबर को नंधौर को नदी से भी खनन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए खनन निकासी गेटों की सीसीटीवी की निगरानी के साथ ही जीपीएस सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

बाइट -नीतीश मणि त्रिपाठी प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी( डीएफओ)


Conclusion:गौरतलब है कि कुमाऊ की सबसे बड़ी गौला नदी से मानसून सत्र के बाद हर साल बड़े पैमाने पर खनन का कारोबार होता है। नदी में करीब साडे 7000 वाहन खनन ढुलान में लगे हुए हैं। साथी झारखंड ,बिहार ,उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से मजदूर नदी के खनन निकासी में काम करते हैं और उनका रोजी-रोटी का जरिया होता है जबकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 100000 लोगों को रोजगार भी मिलता है साथ ही सरकार को भी प्रतिवर्ष करोड़ों का राजस्व में भी इजाफा होता है ।
Last Updated : Oct 30, 2019, 6:32 PM IST
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