हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व की प्राप्ति खनन से होती है. लेकिन कुमाऊं की नदियों से होने वाले खनन कार्य (Mining from the rivers of Kumaon) इस सत्र में अभी तक शुरू नहीं हो पाये हैं. खनन सत्र को तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन सरकार और खनन कारोबारियों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का भारी नुकसान पहुंचा है. पिछले 3 महीनों में खनन कारोबारियों की हड़ताल के चलते सरकार को 150 करोड़ से अधिक का राजस्व का नुकसान होना बताया जा रहा है. जिलाधिकारी नैनीताल धीराज सिंह गर्ब्याल (DM Dhiraj Singh Garbyal) जल्द खनन शुरू होने की बात कर रहे हैं.
खनन बंद होने से खनन से जुड़े (Haldwani Mining Business) हजारों लोगों के सामने भी रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. शासन स्तर पर खनन कारोबारियों और मुख्यमंत्री की वार्ता भी हो चुकी है. उसके बावजूद भी खनन कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. गोला नदी, नंधौर नदी, शारदा नदी सहित अन्य नदियों से हर साल अक्टूबर माह में खनन कार्य शुरू हो जाता है. लेकिन 3 महीने बाद भी खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है. खनन कारोबार से जुड़े खनन कारोबारी अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. खनन कारोबारियों का कहना है कि एक प्रदेश एक रॉयल्टी, खनन कार्य में लगे वाहनों से ग्रीन टैक्स हटाने सहित अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.
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खनन कारोबारी लगातार धरना प्रदर्शन कर सरकार से अपनी मांगों को मनवाने में जुटे हुए हैं. लेकिन सरकार और खनन कारोबारियों के बीच आपसी सामंजस्य नहीं बन पा रहा है. जिसके चलते नदियों से होने वाले खनन कार्य पूरी तरह से ठप हैं. नदियों से खनन कार्य शुरू करने के लिए वन विकास निगम ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर खनन निकासी गेटों पर कर्मचारियों सहित अन्य व्यवस्थाओं को भी चाक चौबंद कर दिया है. वन विकास निगम के भी व्यवस्थाओं के नाम पर रोजाना लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं. इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नैनीताल धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि शासन स्तर पर वार्ता हो चुकी है. जल्द खनन कारोबारियों के साथ बैठक कर खनन कार्य सुचारू करा दिया जाएगा.