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खनन शुरू लेकिन कारोबारियों ने काम करने से किया मना

प्रदेश सरकार ने राजस्व को देखते हुए शर्तों के अनुसार सभी नदियों में खनन निकासी का काम शुरू कर दिया है. लेकिन खनन कारोबारियों ने इसका विरोध कर खनन कार्य करने से मना कर दिया है.

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Published : May 6, 2020, 10:12 AM IST

Updated : May 6, 2020, 11:44 AM IST

हल्द्वानी: लॉकडाउन के बाद प्रदेश सरकार ने राजस्व को देखते हुए शर्तों के अनुसार प्रदेश की सभी नदियों में खनन निकासी का काम शुरू कर दिया है. लेकिन खनन कारोबारियों ने इसका विरोध कर खनन कार्य करने से मना कर दिया है. जिला प्रशासन ने शर्तों के अनुसार गौला नदी, नंधौर नदी और दाबका नदी से खनन का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं. जबकि खनन कारोबारी शर्तों के अनुसार काम करने को तैयार नहीं हैं. खनन कारोबारियों का कहना है कि नदी से खनन निकासी में लगे वाहनों को ऑड-ईवन के अनुसार चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं. यहां तक कि खनन में जुड़े मजदूर भी अपनी घर वापसी कर चुके हैं.

खनन कारोबारी शर्तों पर खनन करने को तैयार नहीं.

खनन कारोबारियों का कहना है कि प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार खनन लोडिंग नहीं हो पाएगी. अगर नदी से खनन करते हैं तो उनको काफी नुकसान होगा. इस मामले में विधायक नवीन दुमका का कहना है कि शासन ने राजस्व को ध्यान में रखते हुए गौला नदी खोलने का फैसला लिया है. शासन की गाइडलाइन के अनुसार अगर डंपर चालक काम करने के इच्छुक नहीं है तो किसी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं की जाएगी. इसको लेकर वाहन एसोसिएशन स्वतंत्र है. अगर खनन के दौरान संक्रमण फैलने की आशंका होती है तो खनन नहीं किए जाने पर विचार भी किया जाएगा. साथ ही इस संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे.

पढ़ें: 8 मई से देहरादून में शुरू होगी रजिस्ट्री, लेकिन पूरी करनी होगी ये शर्त

उप जिलाधिकारी विवेक राय ने कहा कि जिले की सभी नदियों से खनन निकासी का काम शुरू कर दिया गया है. अगर खनन कारोबारी खनन करने से पीछे हट रहे हैं, तो उनके साथ वार्ता कर समस्याओं का समाधान निकाल लिया जाएगा. खनन के दौरान शासन की गाइडलाइन का सभी को पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि नदी के खनन से जुड़े मजदूरों को वन विकास निगम द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है. मजदूरों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी.

हल्द्वानी: लॉकडाउन के बाद प्रदेश सरकार ने राजस्व को देखते हुए शर्तों के अनुसार प्रदेश की सभी नदियों में खनन निकासी का काम शुरू कर दिया है. लेकिन खनन कारोबारियों ने इसका विरोध कर खनन कार्य करने से मना कर दिया है. जिला प्रशासन ने शर्तों के अनुसार गौला नदी, नंधौर नदी और दाबका नदी से खनन का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं. जबकि खनन कारोबारी शर्तों के अनुसार काम करने को तैयार नहीं हैं. खनन कारोबारियों का कहना है कि नदी से खनन निकासी में लगे वाहनों को ऑड-ईवन के अनुसार चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं. यहां तक कि खनन में जुड़े मजदूर भी अपनी घर वापसी कर चुके हैं.

खनन कारोबारी शर्तों पर खनन करने को तैयार नहीं.

खनन कारोबारियों का कहना है कि प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार खनन लोडिंग नहीं हो पाएगी. अगर नदी से खनन करते हैं तो उनको काफी नुकसान होगा. इस मामले में विधायक नवीन दुमका का कहना है कि शासन ने राजस्व को ध्यान में रखते हुए गौला नदी खोलने का फैसला लिया है. शासन की गाइडलाइन के अनुसार अगर डंपर चालक काम करने के इच्छुक नहीं है तो किसी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं की जाएगी. इसको लेकर वाहन एसोसिएशन स्वतंत्र है. अगर खनन के दौरान संक्रमण फैलने की आशंका होती है तो खनन नहीं किए जाने पर विचार भी किया जाएगा. साथ ही इस संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे.

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उप जिलाधिकारी विवेक राय ने कहा कि जिले की सभी नदियों से खनन निकासी का काम शुरू कर दिया गया है. अगर खनन कारोबारी खनन करने से पीछे हट रहे हैं, तो उनके साथ वार्ता कर समस्याओं का समाधान निकाल लिया जाएगा. खनन के दौरान शासन की गाइडलाइन का सभी को पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि नदी के खनन से जुड़े मजदूरों को वन विकास निगम द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है. मजदूरों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी.

Last Updated : May 6, 2020, 11:44 AM IST
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