ETV Bharat / state

उत्तराखंड के इस मंदिर में चिठ्ठी लिखने पर पूरी हो जाती है मनोकामना, मिलता है 'न्याय'

author img

By

Published : Aug 4, 2019, 9:18 PM IST

Updated : Aug 4, 2019, 9:49 PM IST

गोलू देवता न्यायप्रिय थे और भक्तों के साथ हमेशा ही न्याय करते थे. जब भक्तों को न्याय मिल जाता तो भक्त वापस गोलू देवता के मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते हैं और प्रसाद के रूप में घंटी भी चढ़ाते हैं.

गोलू देवता मंदिर

नैनीतालः उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है और यहां कण-कण में देवी देवता निवास करते हैं. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता है नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में. देश भर के मंदिरों में भगवान शिव के महीने यानी सावन की धूम है, कई लोग कांवड़ लाकर भगवान भोले शंकर को खुश कर रहे हैं तो दूसरी ओर नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में भक्त न्याय के देवता गोलू देवता और शिव को दुग्ध स्नान करा रहे हैं. साथ ही भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि भगवान शिव और गोलू प्रदेश से दुख, आपदा समेत अन्य कष्टों को दूर करें.

न्याय के देवता गोलू देवता के दरबार में उमड़े भक्त.

नैनीताल के घोड़ाखाल में स्थित गोलू देवता के दरबार में सालभर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशभर से आने वाले पर्यटकों का भी तांता लगा रहता है. भक्त भगवान से अपनी मनोकामना पूरी करने की फरियाद लगाते हैं.

इसे गोल्ज्यू की महिमा ही कहें कि जिस किसी इंसान को कहीं से न्याय नहीं मिलता उसको गोलू देवता के दरबार में गुहार लगाने से न्याय मिलता है. जिस कारण गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है.

यही कारण है कि हर जगह से हारा इंसान गोल्ज्यू के दरबार में न्याय की गुहार लगाता है और भक्तों को मात्र एक बार इस दरबार में गुहार लगाने से न्याय जरूर मिलता है. इस दरबार में साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है.

माना जाता है कि गोलू देवता न्याय प्रिय थे और भक्तों के साथ हमेशा ही न्याय करते थे. जब भक्तों को न्याय मिल जाता तो भक्त वापस गोलू देवता के मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते और प्रसाद के रूप में घंटी भी चढ़ाते हैं.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः इन जिलों में भारी गुजरेंगे अगले 24 घंटे, भारी बारिश की चेतावनी

मंदिर में लगी सैकड़ों घंटे इस बात की गवाही दे रही है कि भक्तों की इस मंदिर से हर मनोकामना पूर्ण होती है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि गोलू देवता का न्याय देने का सिलसिला आज से नहीं बल्कि ब्रिटिश काल से ही जारी है. जिस कारण ब्रिटिश काल में गोलू देवता को ब्रिटिश लोग गॉड ऑफ जस्टिस के नाम से जानते थे.

मान्यता है कि गोलू के दरबार में अर्जी लगाने से ही भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और यही कारण है कि आज यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए एक अर्जी भगवान के दरबार में लगाना नहीं भूलते.

नैनीतालः उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है और यहां कण-कण में देवी देवता निवास करते हैं. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता है नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में. देश भर के मंदिरों में भगवान शिव के महीने यानी सावन की धूम है, कई लोग कांवड़ लाकर भगवान भोले शंकर को खुश कर रहे हैं तो दूसरी ओर नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में भक्त न्याय के देवता गोलू देवता और शिव को दुग्ध स्नान करा रहे हैं. साथ ही भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि भगवान शिव और गोलू प्रदेश से दुख, आपदा समेत अन्य कष्टों को दूर करें.

न्याय के देवता गोलू देवता के दरबार में उमड़े भक्त.

नैनीताल के घोड़ाखाल में स्थित गोलू देवता के दरबार में सालभर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशभर से आने वाले पर्यटकों का भी तांता लगा रहता है. भक्त भगवान से अपनी मनोकामना पूरी करने की फरियाद लगाते हैं.

इसे गोल्ज्यू की महिमा ही कहें कि जिस किसी इंसान को कहीं से न्याय नहीं मिलता उसको गोलू देवता के दरबार में गुहार लगाने से न्याय मिलता है. जिस कारण गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है.

यही कारण है कि हर जगह से हारा इंसान गोल्ज्यू के दरबार में न्याय की गुहार लगाता है और भक्तों को मात्र एक बार इस दरबार में गुहार लगाने से न्याय जरूर मिलता है. इस दरबार में साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है.

माना जाता है कि गोलू देवता न्याय प्रिय थे और भक्तों के साथ हमेशा ही न्याय करते थे. जब भक्तों को न्याय मिल जाता तो भक्त वापस गोलू देवता के मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते और प्रसाद के रूप में घंटी भी चढ़ाते हैं.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः इन जिलों में भारी गुजरेंगे अगले 24 घंटे, भारी बारिश की चेतावनी

मंदिर में लगी सैकड़ों घंटे इस बात की गवाही दे रही है कि भक्तों की इस मंदिर से हर मनोकामना पूर्ण होती है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि गोलू देवता का न्याय देने का सिलसिला आज से नहीं बल्कि ब्रिटिश काल से ही जारी है. जिस कारण ब्रिटिश काल में गोलू देवता को ब्रिटिश लोग गॉड ऑफ जस्टिस के नाम से जानते थे.

मान्यता है कि गोलू के दरबार में अर्जी लगाने से ही भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और यही कारण है कि आज यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए एक अर्जी भगवान के दरबार में लगाना नहीं भूलते.

Intro:Summry

उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है और यहां कण-कण में देवी देवता निवास करते हैं इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता है नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में।

Intro

देश भर के मंदिरों में भगवान शिव के महीने यानी सावन की धूम मची है कई लोग कावर लाकर भगवान भोले शंकर को खुश कर रहे हैं तो दूसरी ओर नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में भक्त न्याय के देवता गोलू देवता ओर शिव को दुग्ध स्नान कराकर,, शिव को खुश कर रहे हैं साथ ही भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि भगवान शिव और गोलू प्रदेश से दुखो, आपदा समेत अन्य कष्टों को दूर करें।


Body:नैनीताल के घोड़ाखाल में स्थित गोलू देवता के दरबार में सालभर स्थानीय लोगों के साथ साथ देशभर से आने वाले पर्यटकों को भी तांता लगा रहता है, ओर भक्त भगवान से अपनी मनोकामना पूरी करने की फरियाद लगाते है,,
इसे गोल्ज्यू की महिमा ही कहे कि जिस किसी इंसान को कहीं से न्याय नहीं मिलता उसको गोलू देवता के दरबार में गुहार लगाने से न्याय मिलता है, जिस कारण गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है।
यही कारण है कि हर जगह से हारा इंसान गोलज्यू के दरबार में न्याय की गुहार लगाता है, और भक्तो को मात्र एक बार इस दरबार में गुहार लगाने से न्याय जरूर मिलता है और इस दरबार में साल भर भक्तों का ताता लगा रहता है ।

बाईट- उषा पांडेय, भक्त


Conclusion:माना जाता है कि गोलू देवता न्याय प्रिय थे और भक्तों के साथ हमेशा ही न्याय करते थे और जब भक्तों को न्याय मिल जाता तो भक्त वापस गोलू देवता के मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते और प्रसाद के रूप में घंटी भी चढ़ाते थे,,
मंदिर में लगी सैकड़ों घंटे इस बात की गवाही दे रही हैं कि भक्तों की इस मंदिर से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं मंदिर के पुजारी बताते हैं कि गोलू देवता का न्याय देने का सिलसिला आज से नहीं बल्कि ब्रिटिश काल से ही जारी है जिस कारण ब्रिटिश काल में गोलू देवता को ब्रिटिश लोग गॉड ऑफ जस्टिस के नाम से जानते थे।
मान्यता है कि गोलू के दरबार में अर्जी लगाने से ही भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं और यही कारण है कि आज यहां आने वाले भक्तों अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए एक अर्जी भगवान के दरबार में लगाना नहीं भूलते,,
इसका प्रमाण नैनीताल के इस मंदिर में देखने को मिलता है जहां एक नहीं बल्कि सैकड़ों अर्जियां भगवान के चरणों में लगी हुई है भक्तों में इन अर्जियों में अपनी मनोकामना पूर्ण होने की गुहार लगाई है,,, जब भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो भक्तों द्वारा इस मंदिर में आते हैं पूजा अर्चना करने के साथ प्रसाद रूप में घंटी चढ़ाना नहीं भूलते।

बाईट- नित्या नंद जोशी, पंडित
Last Updated : Aug 4, 2019, 9:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.