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विदेशों तक फैली पान सिंह के गुड़ की मिठास, क्वालिटी से नहीं करते समझौता

हल्द्वानी में पान सिंह के गुड़ की खासी डिमांड रहती है. गुड़ खरीदने के लिए हल्द्वानी सहित कई शहरों से लोग यहां पहुंचते हैं. कभी-कभी तो मांग इतनी बढ़ जाती है कि डिमांड तक पूरी नहीं हो पाती है.

haldwani
हल्द्वानी पान सिंह गुड़
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Published : Nov 16, 2021, 10:39 AM IST

Updated : Nov 17, 2021, 7:16 PM IST

हल्द्वानी: पान सिंह का गुड़ प्रदेश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी मिठास घोल रहा है. हल्द्वानी में पान सिंह के गुड़ को खरीदने के लिए हल्द्वानी सहित कई शहरों से लोग यहां पहुंचते हैं. ग्राहकों की इतनी भीड़ होती है कि बिक्री के लिए गुड़ भी कम पड़ जाता है. यहां तक गुड़ की मिठास अब विदेशों तक पहुंच रही है. विदेश में रहने वाले लोग यहां से गुण खरीद कर ले जाते हैं या उनके नाते रिश्तेदार वहां भेजते हैं.

खरीदारी के लिए लगी रहती है भीड़: सर्दी आते ही गुड़ की डिमांड बढ़ जाती है. हल्द्वानी के पंचायत घर के पास गुड़ की एक छोटी कोल्हू है, जहां गुड खरीदने वालों की सुबह से शाम तक भीड़ लगी रहती है. पान सिंह की गुड़ की खासियत यह है कि गुड़ बनाने में वो क्वालिटी से किसी तरह का कोई समझौता नहीं करते हैं. यही कारण है कि दुकानों पर मिलने वाले गुड़ की कीमत से इनके गुड़ की कीमत भी अधिक है, उसके बावजूद भी लोग गुड़ की जमकर खरीदारी करते हैं. भले ही पान सिंह इस दुनिया में न हों, लेकिन उनके परिजन उनके इस कार्य को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं.

विदेशों तक फैली पान सिंह के गुड़ की मिठास.

पढ़ें-औषधीय गुणों से भरपूर हैं ये गुड़, इन बड़ी बीमारियों से दिलाता है छुटकारा

50 साल से बन रहा गुड़: हल्द्वानी के पंचायत घर के पास पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से गुड़ का कोल्हू है, जो पान सिंह के नाम से मशहूर है. वर्तमान समय में पान सिंह के पुत्र मोहन सिंह गुड़ के कोल्हू का संचालन करते हैं. हालांकि कोल्हू बैलों के बजाय अब बिजली से संचालित होता है. अपने पिता की विरासत को उनके पुत्र मोहन सिंह 2009 से आगे बढ़ा रहे हैं और गुड़ बनाने का सभी तरीका पारंपरिक है. गुड़ में किसी तरह का कोई केमिकल का यूज नहीं किया जाता है, जिस कारण गुड़ की स्वाद बना हुआ है. यही नहीं यहां सादा गुड़ के अलावा मेवे वाला गुड़ भी बनाया जाता हैं, जिसमें सफेद तिल, काजू, बादाम,मूंगफली,सौफ आदि मिलाकर तैयार किया जाता है.

विदेशों तक मांग: कोल्हू संचालक मोहन सिंह ने बताया कि उनकी गुड़ की डिमांड विदेशों तक है. विदेशों में रहने वाले उत्तराखंड के लोग उनके गुड़ को खरीद कर ले जाते हैं और उनके परिवार के लोग गुड़ खरीद कर विदेशों में भेजते रहते हैं. पान सिंह के बताया कि गुड़ को तैयार करने के दौरान साफ सफाई काफी विशेष ध्यान रखा जाता है, इसलिए उनके गुड़ की मांग ज्यादा है. आमतौर पर बाजारों में गुड़ की कीमत जहां ₹40 किलो है तो वही बेहतर क्वालिटी होने के चलते पान सिंह के गुड़ की कीमत ₹60 प्रति किलो है. जबकि मेवे के गुड़ की कीमत ₹190 प्रति किलो है.

पढ़ें-यहां का स्वादिष्ट गुड़ है देशभर में प्रसिद्ध, अलग-अलग राज्यों में पहुंचा रहा अपनी मिठास

ऐसे तैयार होता है गुड़: गन्ने को कोल्हू में सफाई करने के बाद उसकी पेराई कर रस निकाला जाता है. सफाई करने के बाद लकड़ी के संचालित भट्टी पर गन्ने के रस को पूरी तरह से खौलाया जाता है. रस पूरी तरह से खौल जाने के बाद गुड़ को तैयार किया जाता है. गुड़ को सांचे में डालकर आकार दिया जाता है. जिसके बाद मूल्य तय होता है.

हल्द्वानी: पान सिंह का गुड़ प्रदेश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी मिठास घोल रहा है. हल्द्वानी में पान सिंह के गुड़ को खरीदने के लिए हल्द्वानी सहित कई शहरों से लोग यहां पहुंचते हैं. ग्राहकों की इतनी भीड़ होती है कि बिक्री के लिए गुड़ भी कम पड़ जाता है. यहां तक गुड़ की मिठास अब विदेशों तक पहुंच रही है. विदेश में रहने वाले लोग यहां से गुण खरीद कर ले जाते हैं या उनके नाते रिश्तेदार वहां भेजते हैं.

खरीदारी के लिए लगी रहती है भीड़: सर्दी आते ही गुड़ की डिमांड बढ़ जाती है. हल्द्वानी के पंचायत घर के पास गुड़ की एक छोटी कोल्हू है, जहां गुड खरीदने वालों की सुबह से शाम तक भीड़ लगी रहती है. पान सिंह की गुड़ की खासियत यह है कि गुड़ बनाने में वो क्वालिटी से किसी तरह का कोई समझौता नहीं करते हैं. यही कारण है कि दुकानों पर मिलने वाले गुड़ की कीमत से इनके गुड़ की कीमत भी अधिक है, उसके बावजूद भी लोग गुड़ की जमकर खरीदारी करते हैं. भले ही पान सिंह इस दुनिया में न हों, लेकिन उनके परिजन उनके इस कार्य को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं.

विदेशों तक फैली पान सिंह के गुड़ की मिठास.

पढ़ें-औषधीय गुणों से भरपूर हैं ये गुड़, इन बड़ी बीमारियों से दिलाता है छुटकारा

50 साल से बन रहा गुड़: हल्द्वानी के पंचायत घर के पास पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से गुड़ का कोल्हू है, जो पान सिंह के नाम से मशहूर है. वर्तमान समय में पान सिंह के पुत्र मोहन सिंह गुड़ के कोल्हू का संचालन करते हैं. हालांकि कोल्हू बैलों के बजाय अब बिजली से संचालित होता है. अपने पिता की विरासत को उनके पुत्र मोहन सिंह 2009 से आगे बढ़ा रहे हैं और गुड़ बनाने का सभी तरीका पारंपरिक है. गुड़ में किसी तरह का कोई केमिकल का यूज नहीं किया जाता है, जिस कारण गुड़ की स्वाद बना हुआ है. यही नहीं यहां सादा गुड़ के अलावा मेवे वाला गुड़ भी बनाया जाता हैं, जिसमें सफेद तिल, काजू, बादाम,मूंगफली,सौफ आदि मिलाकर तैयार किया जाता है.

विदेशों तक मांग: कोल्हू संचालक मोहन सिंह ने बताया कि उनकी गुड़ की डिमांड विदेशों तक है. विदेशों में रहने वाले उत्तराखंड के लोग उनके गुड़ को खरीद कर ले जाते हैं और उनके परिवार के लोग गुड़ खरीद कर विदेशों में भेजते रहते हैं. पान सिंह के बताया कि गुड़ को तैयार करने के दौरान साफ सफाई काफी विशेष ध्यान रखा जाता है, इसलिए उनके गुड़ की मांग ज्यादा है. आमतौर पर बाजारों में गुड़ की कीमत जहां ₹40 किलो है तो वही बेहतर क्वालिटी होने के चलते पान सिंह के गुड़ की कीमत ₹60 प्रति किलो है. जबकि मेवे के गुड़ की कीमत ₹190 प्रति किलो है.

पढ़ें-यहां का स्वादिष्ट गुड़ है देशभर में प्रसिद्ध, अलग-अलग राज्यों में पहुंचा रहा अपनी मिठास

ऐसे तैयार होता है गुड़: गन्ने को कोल्हू में सफाई करने के बाद उसकी पेराई कर रस निकाला जाता है. सफाई करने के बाद लकड़ी के संचालित भट्टी पर गन्ने के रस को पूरी तरह से खौलाया जाता है. रस पूरी तरह से खौल जाने के बाद गुड़ को तैयार किया जाता है. गुड़ को सांचे में डालकर आकार दिया जाता है. जिसके बाद मूल्य तय होता है.

Last Updated : Nov 17, 2021, 7:16 PM IST
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