कालाढूंगी: नैनीताल के कालाढूंगी में इन दिनों एक गुलदार आतंका पर्याय बना हुआ है, जिससे स्थानीय लोग खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा वन क्षेत्र की जद में आता है. ऐसे में गुलदार की धमक आबादी वाले क्षेत्रों में हो रही है. शाम ढलते ही लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं. यहां तक कि गुलदार की धमक दिन-दहाड़े भी देखने को मिल रही है.
दरअसल, पर्वतीय क्षेत्र कालाढूंगी में इन दिनों गुलदार का आतंक बढ़ता चला जा रहा है. ये रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर लोगों पर हमले कर रहे हैं. वहीं, वाइल्ड स्पीशीज कंजरवेंसी के वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट राम सिंह रावत ने बताया कि इन दिनों गुलदार लगातार आबादी में विचरण कर रहे हैं. ये हिंसक हो कर पालतू जानवरों को अपना निवाला बना रहे हैं, जिसकी वजह से गुलदार नरभक्षी होते जा रहे हैं. अब गुलदार की धमक को रोकना बहुत जरूरी हो गया है.
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वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट राम सिंह रावत ने बताया कि CCTV कैमरे की मदद से और नियमित गश्त से इसकी धमक पर रोक लगाई जा सकती है. वहीं, तराई पश्चमी वन प्रभाग के बरहैनी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूप नारायण गौतम ने बताया कि वन कर्मियों द्वारा लगातार गश्त लगाई जा रही है. भविष्य की स्थिति को देखते हुए CCTV कैमरों की मदद भी ली जा सकती है.