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रामनगर: 2 साल में गुलदार और बाघों ने 144 मवेशियों को बनाया निवाला

रामनगर के आसपास के कई गांव कॉर्बेट पार्क के जंगलों से सटे हुए हैं. इससे लोगों में बाघों के हमलों का डर हमेशा रहता है. वहीं, बाघों और गुलदार लगातार ग्रामीणों के मवेशियों को निवाला बनाना लेते हैं, जिससे ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है. पिछले 2 वर्षों में बाघ और गुलदार में 144 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है.

Corbett National Park Ramnagar
मानव-वन्यजीव संघर्ष
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Published : Sep 24, 2020, 11:05 AM IST

Updated : Sep 24, 2020, 2:51 PM IST

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. रामनगर के आसपास के कई गांव कॉर्बेट पार्क के जंगलों से सटे हुए है. जिससे लोगों में बाघों के हमलों का डर हमेशा रहता है. वहीं, बाघ और गुलदार द्वारा ग्रामीणों के मवेशियों पर हमलों के मामले प्रकाश में आते हैं. इससे ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है. पिछले 2 वर्षों में बाघ और गुलदार ने 144 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है.

जानकारी देतीं कॉर्बेट पार्क की उपनिदेशक कल्याणी.

कॉर्बेट पार्क की उपनिदेशक कल्याणी ने बताया की ग्रामीणों की जो पशु हानि होती है, उसको उनके द्वारा मानव वन्यजीव संघर्ष नियमावली के अनुसार मारे या घायल हुए पशुओं का मुआवजा अनुदान दिया जाता है. उन्होंने बताया कि 2018-19 में 89 मवेशियों पर गुलदार और बाघ के द्वारा हमले के मामले प्रकाश में आए. जिसमें उनके द्वारा कुल 15 लाख 85 हजार रुपये अनुदान दिया गया. 2020-21 में 55 मामले सामने आए. जिसमें उनके द्वारा 17 मवेशियों के मामलों में 2 लाख 41 हजार रुपये दिए जा चुके हैं.

पढ़ें: टेक होम राशन वितरण योजना पर संकट, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया इनकार

वहीं, गुलदार और बाघों द्वारा निवाला बनाए गए 38 मवेशियों का 5 लाख 30 हजार रुपये भी विभाग द्वारा तुरंत दिया जाना है. बता दें कि, वन्यजीव आबादी की तरफ लगातार आ रहे हैं. इससे मवेशियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी खतरा बना हुआ है.

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. रामनगर के आसपास के कई गांव कॉर्बेट पार्क के जंगलों से सटे हुए है. जिससे लोगों में बाघों के हमलों का डर हमेशा रहता है. वहीं, बाघ और गुलदार द्वारा ग्रामीणों के मवेशियों पर हमलों के मामले प्रकाश में आते हैं. इससे ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है. पिछले 2 वर्षों में बाघ और गुलदार ने 144 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है.

जानकारी देतीं कॉर्बेट पार्क की उपनिदेशक कल्याणी.

कॉर्बेट पार्क की उपनिदेशक कल्याणी ने बताया की ग्रामीणों की जो पशु हानि होती है, उसको उनके द्वारा मानव वन्यजीव संघर्ष नियमावली के अनुसार मारे या घायल हुए पशुओं का मुआवजा अनुदान दिया जाता है. उन्होंने बताया कि 2018-19 में 89 मवेशियों पर गुलदार और बाघ के द्वारा हमले के मामले प्रकाश में आए. जिसमें उनके द्वारा कुल 15 लाख 85 हजार रुपये अनुदान दिया गया. 2020-21 में 55 मामले सामने आए. जिसमें उनके द्वारा 17 मवेशियों के मामलों में 2 लाख 41 हजार रुपये दिए जा चुके हैं.

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वहीं, गुलदार और बाघों द्वारा निवाला बनाए गए 38 मवेशियों का 5 लाख 30 हजार रुपये भी विभाग द्वारा तुरंत दिया जाना है. बता दें कि, वन्यजीव आबादी की तरफ लगातार आ रहे हैं. इससे मवेशियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी खतरा बना हुआ है.

Last Updated : Sep 24, 2020, 2:51 PM IST
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