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यशपाल आर्य बोले- सरकार अवैध खनन में लिप्त, जिद के चलते नहीं हो रही माइनिंग - Haldwani Gaula River

हल्द्वानी में जहां खनन कारोबारी तीन महीने से सरकार के खिलाफ मुखर हैं, वहीं दूसरी ओर धामी सरकार पर अवैध खनन को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं. लामबंद खनन कारोबारी किसी भी सूरत में अपनी मांगों को मनवाने में लगे हुए हैं और किसी भी सूरत में समझौते के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि हल्द्वानी गौला नदी सरकार को हर साल करोड़ों रुपए का राजस्व देती है.

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Published : Jan 2, 2023, 9:56 AM IST

यशपाल आर्य ने सरकार पर लगाया अवैध खनन का आरोप

हल्द्वानी: नेता प्रतिपक्ष पाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने अवैध खनन को लेकर धामी सरकार (Uttarakhand Dhami Government) पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अवैध खनन (uttarakhand illegal mining) में पूरी तरह से लिप्त है, जिसका नतीजा है कि बाजपुर और उधम सिंह नगर में पट्टे देकर अवैध खनन कराने का काम किया जा रहा है. सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. जिसके चलते प्रदेश की नदियों से खनन कार्य नहीं हो रहा है. जिसके चलते खनन कारोबारी बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में इस लड़ाई को अब वह सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार कि गलत नीतियों के चलते खनन कार्य पूरी तरह चौपट हो चुका है. उन्होंने कहा कि सूबे कि धामी सरकार में खनन के अवैध पट्टे देने तथा अवैध खनन का खेल दोगुनी रफ्तार से चल रहा है. उन्होंने कहा कि नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले के गांव गांव में अवैध खनन सुचारू रूप से सरकार के संरक्षण में चल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की दोहरी नीति से प्रदेश को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
पढ़ें-हल्द्वानी में प्रशासन का हंटर, अवैध खनन और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई

यशपाल आर्य ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले कई महीनों से गौला नदी (Haldwani Gaula River) सहित अन्य नदियों से जुड़े खनन कारोबारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को सुनने के बजाय अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. जिसके चलते आम जनता के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि कुमाऊं की नदियों से खनन कार्य पूरी तरह से बंद हैं. 3 महीने बाद भी इन नदियों से खनन कार्य नहीं शुरू होने से जहां खनन कारोबार से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं प्रदेश सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है. खनन कारोबारी अपनी मांगों को लेकर पिछले 3 महीनों से हड़ताल पर हैं. खनन कारोबारियों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने नदियों से जुड़े खनन रॉयल्टी के रेट अलग कर दिए हैं, जबकि खनन पट्टों के रॉयल्टी रेट कम हैं. जिसके चलते खनन कारोबार नहीं हो पा रहा है.
पढ़ें-डोईवाला में पुराने भंडारण से उपखनिज चोरी, किसी को भनक तक नहीं!

एक प्रदेश एक रॉयल्टी सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर खनन कारोबारी हड़ताल पर हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि अब वह खनन कारोबारियों की लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक उठाएंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के नाम बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा कर रही है. प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है. उन्होंने कहा कि सरकार की जिद के चलते प्रदेश को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आंदोलनरत खनन कारोबारियों के साथ है.

यशपाल आर्य ने सरकार पर लगाया अवैध खनन का आरोप

हल्द्वानी: नेता प्रतिपक्ष पाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने अवैध खनन को लेकर धामी सरकार (Uttarakhand Dhami Government) पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अवैध खनन (uttarakhand illegal mining) में पूरी तरह से लिप्त है, जिसका नतीजा है कि बाजपुर और उधम सिंह नगर में पट्टे देकर अवैध खनन कराने का काम किया जा रहा है. सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. जिसके चलते प्रदेश की नदियों से खनन कार्य नहीं हो रहा है. जिसके चलते खनन कारोबारी बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में इस लड़ाई को अब वह सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार कि गलत नीतियों के चलते खनन कार्य पूरी तरह चौपट हो चुका है. उन्होंने कहा कि सूबे कि धामी सरकार में खनन के अवैध पट्टे देने तथा अवैध खनन का खेल दोगुनी रफ्तार से चल रहा है. उन्होंने कहा कि नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले के गांव गांव में अवैध खनन सुचारू रूप से सरकार के संरक्षण में चल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की दोहरी नीति से प्रदेश को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
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यशपाल आर्य ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले कई महीनों से गौला नदी (Haldwani Gaula River) सहित अन्य नदियों से जुड़े खनन कारोबारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को सुनने के बजाय अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. जिसके चलते आम जनता के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि कुमाऊं की नदियों से खनन कार्य पूरी तरह से बंद हैं. 3 महीने बाद भी इन नदियों से खनन कार्य नहीं शुरू होने से जहां खनन कारोबार से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं प्रदेश सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है. खनन कारोबारी अपनी मांगों को लेकर पिछले 3 महीनों से हड़ताल पर हैं. खनन कारोबारियों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने नदियों से जुड़े खनन रॉयल्टी के रेट अलग कर दिए हैं, जबकि खनन पट्टों के रॉयल्टी रेट कम हैं. जिसके चलते खनन कारोबार नहीं हो पा रहा है.
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एक प्रदेश एक रॉयल्टी सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर खनन कारोबारी हड़ताल पर हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि अब वह खनन कारोबारियों की लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक उठाएंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के नाम बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा कर रही है. प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है. उन्होंने कहा कि सरकार की जिद के चलते प्रदेश को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आंदोलनरत खनन कारोबारियों के साथ है.

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