नैनीतालः उत्तराखंड विधानसभा नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य शनिवार को एक दिवसीय भ्रमण पर नैनीताल पहुंचे. नैनीताल पहुंचने पर यशपाल आर्य ने भाजपा सरकार की कैबिनेट के विस्तार मामले पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं. प्रदेश के विकास के नाम पर भाजपा सरकार और उनके अधिकारी 40 प्रतिशत तक बजट खर्च नहीं कर सके हैं. इसके चलते उत्तराखंड का विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है. उत्तराखंड में सरकार पूरी तरह से फेल है और अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं, जिन पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. सरकार और अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज प्रदेश की स्थिति बदहाल हो चली है और जनता परेशान है.
खनन माफियाओं के हवाले प्रदेश: उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रही अवैध खनन की घटनाओं के मामले पर सरकार पर तंज कसते हुए यशपाल आर्य ने कहा, 'उत्तराखंड में तेजी से अवैध खनन की घटनाएं बढ़ी है. खनन और भू-माफिया प्रदेश में तेजी से प्रगति कर रहे हैं. माफियाओं ने नदियों, खेतों समेत निजी भूमि पर अवैध रूप से खनन किया है. सरकार खनन रोकने के बजाय खनन माफियाओं के साथ खड़ी है और प्रदेश में खनन माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. इस कारण आज प्रदेश में अवैध खनन तेजी से बढ़ रहा है'.
2024 चुनाव में नहीं करूंगा दावेदारी: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर यशपाल आर्य ने कहा उत्तराखंड में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए पार्टी के मजबूत सिपाही की तरह कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे और पांचों सीट जिताने के लिए प्रदेश भर में प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा, 'चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है. बीते लंबे समय से कांग्रेस पार्टी के संरचनात्मक ढांचे को मजबूत कर रही है, साथ ही बूथ स्तर पर टीम गठित कर रही है. इसके अलावा पार्टी के अनुषांगिक संगठन को भी तैयार कर रही है, ताकि चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज की जा सके.
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इन्वेस्टमेंट सबमिट केवल बयान बाजी: उत्तराखंड में नवंबर माह में होने वाले इन्वेस्टमेंट सबमिट को लेकर यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सबमिट के नाम पर छलावा कर केवल बयानबाजी कर रही है. पूर्व में हुए सबमिट का नतीजा आज तक नहीं निकल सका है. पूर्व में सरकार ने प्रदेश में ढाई लाख रोजगार देने की बात कही थी. आज तक उस पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. प्रदेश में आज भी पलायन हो रहा है. सरकार सबमिट के नाम पर उद्योगपतियों के पीछे करोड़े रुपए खर्च कर रही है, उन्हें निजी लाभ पहुंचा रही है. लिहाजा सरकार को सबमिट मामले पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.