ETV Bharat / state

करोड़ों में बना 'उम्मीदों' का अस्पताल, सरकारी उदासीनता के चलते खस्ताहाल

एक लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, जिसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से 10 वार्डों का अस्पताल बनाया था. जहां स्थानीय लोगों को 24 घंटे उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. आचार संहिता से ठीक पहले फरवरी माह में इस अस्पताल का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था.

हल्द्वानी अस्पताल
author img

By

Published : May 30, 2019, 9:56 AM IST

हल्द्वानी: लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में तीन करोड़ से अधिक की लागत से बना 10 बेड का अस्पताल मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रहा है. यह अस्पताल 24 घंटे की बजाय दिन में सिर्फ चार घंटे खुलने के बाद बंद हो जाता है. अस्पताल प्रशासन की इस उदासीनता के चलते लोगों को शहर का रुख करना पड़ रहा है.

हल्द्वानी अस्पताल.

एक लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, जिसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से 10 वार्डों का अस्पताल बनाया था. जहां स्थानीय लोगों को 24 घंटे उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. आचार संहिता से ठीक पहले फरवरी माह में इस अस्पताल का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. लेकिन अस्पताल डॉक्टरों और अन्य सुविधाओं के अभाव में मरीजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है. अस्पताल में कोई जच्चा-बच्चा डॉक्टर नहीं है. अस्पताल की करोड़ों रुपये की एक्सरे मशीन धूल फांक रही हैं. इसे चलाने वाला टेक्निशियन भी यहां मौजूद नहीं है.

पढ़ें- वन्यजीवों के रेस्क्यू के तरीकों पर वन मंत्री हरक सिंह से उठाए सवाल, बोले- पुराने उपकरणों से ही किया जा रहा काम

आलम यह है कि अस्पताल सुबह 10 बजे खुलता है और दोपहर 2 बजे बंद कर दिया जाता है. इस दौरान अगर कोई गंभीर मामला आता है तो उसको तुरंत रेफर कर दिया जाता है. जिसके लिए मरीज को इलाज के लिए 20 किलोमीटर दूर हल्द्वानी जाना पड़ता है. स्वास्थ्य महकमे की इस उदासीनता के चलते लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

डिप्टी सीएमओ मनमोहन तिवारी का कहना है कि लालकुआं अस्पताल में दो डॉक्टरों, दो नर्सों और फार्मासिस्ट की कमी है. जिसको जल्द पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अस्पताल को 24 घंटे और सातों दिन खोलने के लिए बनाया गया है. जिससे इमरजेंसी में आने वाले लोगों का इलाज किया जा सके. वहीं, अस्पताल को जल्द बंद करवाने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि वे इसकी जल्द ही जांच करवाएंगे. साथ ही दोषी डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. सीएमओ ने कहा कि अस्पताल को 24 घंटे खोलने के निर्देश दिया जाएगा.

हल्द्वानी: लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में तीन करोड़ से अधिक की लागत से बना 10 बेड का अस्पताल मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रहा है. यह अस्पताल 24 घंटे की बजाय दिन में सिर्फ चार घंटे खुलने के बाद बंद हो जाता है. अस्पताल प्रशासन की इस उदासीनता के चलते लोगों को शहर का रुख करना पड़ रहा है.

हल्द्वानी अस्पताल.

एक लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, जिसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से 10 वार्डों का अस्पताल बनाया था. जहां स्थानीय लोगों को 24 घंटे उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. आचार संहिता से ठीक पहले फरवरी माह में इस अस्पताल का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. लेकिन अस्पताल डॉक्टरों और अन्य सुविधाओं के अभाव में मरीजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है. अस्पताल में कोई जच्चा-बच्चा डॉक्टर नहीं है. अस्पताल की करोड़ों रुपये की एक्सरे मशीन धूल फांक रही हैं. इसे चलाने वाला टेक्निशियन भी यहां मौजूद नहीं है.

पढ़ें- वन्यजीवों के रेस्क्यू के तरीकों पर वन मंत्री हरक सिंह से उठाए सवाल, बोले- पुराने उपकरणों से ही किया जा रहा काम

आलम यह है कि अस्पताल सुबह 10 बजे खुलता है और दोपहर 2 बजे बंद कर दिया जाता है. इस दौरान अगर कोई गंभीर मामला आता है तो उसको तुरंत रेफर कर दिया जाता है. जिसके लिए मरीज को इलाज के लिए 20 किलोमीटर दूर हल्द्वानी जाना पड़ता है. स्वास्थ्य महकमे की इस उदासीनता के चलते लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

डिप्टी सीएमओ मनमोहन तिवारी का कहना है कि लालकुआं अस्पताल में दो डॉक्टरों, दो नर्सों और फार्मासिस्ट की कमी है. जिसको जल्द पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अस्पताल को 24 घंटे और सातों दिन खोलने के लिए बनाया गया है. जिससे इमरजेंसी में आने वाले लोगों का इलाज किया जा सके. वहीं, अस्पताल को जल्द बंद करवाने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि वे इसकी जल्द ही जांच करवाएंगे. साथ ही दोषी डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. सीएमओ ने कहा कि अस्पताल को 24 घंटे खोलने के निर्देश दिया जाएगा.

Intro:स्लग- करोड़ों की लागत से बना अस्पताल बना सफेद हाथी।
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित/हल्द्वानी
एंकर- लालकुआं विधान सभा क्षेत्र के लोगो को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराए जाने के लिए तीन करोड़ से अधिक की लागत से 10 बेड का अस्पताल डॉक्टरों और अन्य सुविधाओं के अभाव के चलते सफेद हाथी साबित हो रहा है । अस्पताल का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फरवरी में ही किया था लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते 2:00 बजे ही अस्पताल में ताला लग जाता है जिसके चलते मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। यही नहीं इस अस्पताल में जच्चा बच्चा सुविधा भी उपलब्ध है लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते लोगों को दूर के अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है।


Body:लोगों को स्वास्थ्य सेवा की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार बड़ी बड़ी दावत तो करती है लेकिन इसका जीता जागता उदाहरण लालकुआं में देखने को मिल रहा है। एक लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके जिसके मद्देनजर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने करीब साढे तीन करोड़ की लागत से 10 वार्डों का अस्पताल का निर्माण कराया था जिससे कि जच्चा बच्चा और स्थानीय लोगों को 24 घंटे उचित स्वास्थ्य व्यवस्था मिल सकें। आचार संहिता से ठीक पहले फरवरी माह में इस अस्पताल का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों और अन्य सुविधा के अभाव में अस्पताल अब सफेद हाथी साबित हो रहा है। अस्पताल में कोई जच्चा बच्चा डॉक्टर नहीं है । यही नहीं एक आयुर्वेद और एक अन्य डॉक्टर के सहारे अस्पताल को चलाया जा रहा है। अस्पताल की करोड़ों की एक्सरे मशीन धूल फांक रही है इसको चलाने वाला कोई नहीं है।
आलम यह है कि अस्पताल सुबह 10:00 बजे खुलता है और दोपहर 2:00 बजे बंद कर दिया जाता है। इस दौरान कोई गंभीर मरीज आता है तो उसको तुरंत रेफर कर दिया जाता है । यही नहीं 2:00 बजे बाद अगर कोई बीमार पड़ता है तो को इलाज के लिए 20 किलोमीटर हल्द्वानी जाना पड़ता है ।स्वास्थ्य महकमा के उदासीनता के चलते लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

बाइट -बिसी भट्ट स्थानीय निवासी

यही नहीं लालकुआं क्षेत्र को स्वास्थ्य महकमा संक्रामक रोगों के मामले में सबसे संवेदनशील क्षेत्र मानता है। 4 साल पूर्व डेंगू और संक्रामक रोग की चपेट में आ जाने के चलते कई लोग की मौत हुई हो चुकी है लेकिन स्वास्थ्य महकमा जान कर भी अंजान बना हुआ है।



Conclusion:वह इस पूरे मामले में डिप्टी सीएमओ मनमोहन तिवारी का कहना है कि लाल कुआं अस्पताल में दो डॉक्टरों और दो नर्सों और फार्मासिस्ट की कमी है जिसको जल्द पूरा कर लिया जाएगा। अस्पताल को 24 घंटे सातों दिन खोलने के लिए बनाया गया है। जिसकी इमरजेंसी में आने वाले लोगों को इलाज किया जा सके ।जहां तक 2:00 बजे बाद अस्पताल बंद होने की जानकारी उनको प्राप्त हुई है जिसकी जांच कराएंगे और डॉक्टरो खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी और अस्पताल को 24 घंटे खोलने के निर्देश दिया जाएगा।

बाइट -मनमोहन तिवारी डिप्टी सीएमओ
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.