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लॉकडाउन के चलते भुखमरी की कगार पर घोड़े, संचालक भी हुए बेरोजगार - लॉकडाउन

नैनीताल में लॉकडाउन के चलते घोड़ा संचालक घोड़ों के लिए चना, गुड़, तेल, डोडा समेत कई प्रकार के पौष्टिक व ताकतवर पदार्थ नहीं जुटा पा रहे हैं. दरअसल उनके पास ये सब सामान खरीदने के पैसे ही नहीं बचे हैं.

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नैनीताल घोड़े
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Published : Apr 7, 2020, 10:48 AM IST

नैनीतालः सरोवर नगरी नैनीताल में हर साल लाखों की संख्या में सैलानी घूमने आते हैं. सैलानी यहां आकर घुड़सवारी करना नहीं भूलते हैं. लेकिन इन दिनों पर्यटकों की पसंद घुड़सवारी कोरोना वायरस की वजह से पूरी तरह से ठप है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते 12 पत्थर, लवर्स प्वाइंट में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. इतना ही नहीं पर्यटक को सवारी कराने वाले घोड़े भी भुखमरी की कगार पर हैं. जबकि, घोड़े संचालक भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

लॉकडाउन से घोड़ों के लिए खाने की समस्या.

बता दें कि, नैनीताल में करीब 100 घोड़े पर्यटकों की सवारी के लिए थे. कई घोड़ा संचालक यहां से पलायन कर गए हैं. जिसके बाद अब नैनीताल में करीब 30 घोड़े रह गए हैं. लॉकडाउन के बाद इन घोड़ों के खाने की समस्या खड़ी हो गई है. घोड़ा संचालकों का कहना है कि इन घोड़ों को चना, गुड़, तेल, डोडा समेत कई प्रकार के पौष्टिक व ताकतवर पदार्थ खिलाए जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद ये सामान नहीं मिल पा रहे हैं. साथ ही वो इसके लिए पैसा नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसे में अब घोड़े केवल घास खा रहे हैं.

घोड़ा संचालकों की मानें तो लॉकडाउन के बाद वो बेरोजगार हो गए हैं. उनके पास घोड़ों को खाना खिलाने तक के पैसे नहीं है. क्योंकि, एक घोड़े को हर दिन खाना खिलाने में करीब ₹400 का खर्च आता है, लेकिन अब उनके सामने खुद के खाने के लाले पड़े हुए हैं. जिसकी वजह से उनके सामने मुसीबत खड़ी हो गई है.

वहीं, नैनीताल के एसडीएम विनोद कुमार का कहना है कि घोड़ा संचालकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. जो घोड़ा संचालक अपने घोड़ों के लिए राशन समेत अन्य खाने की स्वीकृति के लिए उनके पास आएगा. उसे स्वीकृति दी जाएगी. साथ ही कहा कि प्रशासन की ओर से घोड़ों के लिए खाने की व्यवस्था की जाएगी.

नैनीतालः सरोवर नगरी नैनीताल में हर साल लाखों की संख्या में सैलानी घूमने आते हैं. सैलानी यहां आकर घुड़सवारी करना नहीं भूलते हैं. लेकिन इन दिनों पर्यटकों की पसंद घुड़सवारी कोरोना वायरस की वजह से पूरी तरह से ठप है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते 12 पत्थर, लवर्स प्वाइंट में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. इतना ही नहीं पर्यटक को सवारी कराने वाले घोड़े भी भुखमरी की कगार पर हैं. जबकि, घोड़े संचालक भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

लॉकडाउन से घोड़ों के लिए खाने की समस्या.

बता दें कि, नैनीताल में करीब 100 घोड़े पर्यटकों की सवारी के लिए थे. कई घोड़ा संचालक यहां से पलायन कर गए हैं. जिसके बाद अब नैनीताल में करीब 30 घोड़े रह गए हैं. लॉकडाउन के बाद इन घोड़ों के खाने की समस्या खड़ी हो गई है. घोड़ा संचालकों का कहना है कि इन घोड़ों को चना, गुड़, तेल, डोडा समेत कई प्रकार के पौष्टिक व ताकतवर पदार्थ खिलाए जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद ये सामान नहीं मिल पा रहे हैं. साथ ही वो इसके लिए पैसा नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसे में अब घोड़े केवल घास खा रहे हैं.

घोड़ा संचालकों की मानें तो लॉकडाउन के बाद वो बेरोजगार हो गए हैं. उनके पास घोड़ों को खाना खिलाने तक के पैसे नहीं है. क्योंकि, एक घोड़े को हर दिन खाना खिलाने में करीब ₹400 का खर्च आता है, लेकिन अब उनके सामने खुद के खाने के लाले पड़े हुए हैं. जिसकी वजह से उनके सामने मुसीबत खड़ी हो गई है.

वहीं, नैनीताल के एसडीएम विनोद कुमार का कहना है कि घोड़ा संचालकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. जो घोड़ा संचालक अपने घोड़ों के लिए राशन समेत अन्य खाने की स्वीकृति के लिए उनके पास आएगा. उसे स्वीकृति दी जाएगी. साथ ही कहा कि प्रशासन की ओर से घोड़ों के लिए खाने की व्यवस्था की जाएगी.

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