हल्द्वानी: श्रम विभाग (Labour Department) की ओर से चलाए जा रहे निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण आवेदन के मामले में भारी संख्या में अपात्र लोगों ने आवेदन किए थे, ऐसे में श्रम विभाग के जांच में 16,700 आवेदन फर्जी पाए गए है. जो अपात्र हैं और श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ लेने की फिराक में थे. ऐसे में विभाग ने इन सभी आवेदनों को रद्द करने का काम किया है.
उप श्रम आयुक्त कमल जोशी ने बताया कि श्रम विभाग की ओर से चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ लेने के लिए नैनीताल जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 में पंजीकरण कराने के लिए बड़ी तादाद में निर्माण श्रमिकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किए गए थे. जिसके तहत विभाग के पास 28,800 आवेदन प्राप्त हुए थे.
जिसके बाद आवेदनों की जांच की गई तो 16,700 आवेदन ऐसे पाए गए जो आवेदन करता अपात्र था या वो निर्माण श्रमिक फर्जी था सत्यापन के दौरान इन निर्माण श्रमिकों का कार्य करने की पुष्टि नहीं हुई. यहां तक कि बहुत से श्रमिकों के प्रपत्र अधूरे थे. जिसके चलते उनके आवेदन को रद्द किए गए हैं.
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उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में नैनीताल जनपद में 38002 निर्माण श्रमिक श्रम विभाग के पास पंजीकृत है. जिनको श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. गौरतलब है कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से श्रम विभाग में पंजीकृत पात्र निर्माण श्रमिकों को मुफ्त साइकिल, सिलाई मशीन, छाता, टूलकिट्स, श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा का खर्चा, प्रसूता लाभ, लड़कियों के विवाह लाभ और बीमा लाभ सहित कई लाभ सरकार द्वारा दी जाती है.
ऐसे में लोग इस योजना को लाभ उठाने के लिए अपात्र व्यक्ति भी आवेदन कर रहा है. लेकिन विभाग द्वारा सख्ती से की जा रही जांच के चलते भारी संख्या में अपात्र लोगों का आवेदन रद्द हुआ है.