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नैनीताल: कुमाऊं कमिश्नर ने ताकुला गांव में बने गांधीग्राम का किया औचक निरीक्षण

कमिश्नर अरविंद ह्यांकी ने नैनीताल के ताकुला गांव मे बने गांधी ग्राम का औचक निरीक्षण किया. ये क्षेत्र महात्मा गांधी को बेहद पसंद था.

kumaon commissioner
कमिश्नर निरीक्षण
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Published : Jul 23, 2020, 8:59 PM IST

नैनीताल: महात्मा गांधी की पसंदीदा क्षेत्र ताकुला का कुमाऊं कमिश्नर अरविंद ह्यांकी ने औचक निरीक्षण किया. इस दौरान गांधी आश्रम में हो रहे विकास कार्य की समीक्षा की और विकास कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी भी जताया है.

कुमाऊं कमिश्नर ने किया निरीक्षण.

इस दौरान कमिश्नर के साथ तमाम विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे. कमिश्नर ने गांधी ग्राम क्षेत्र में एडीबी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की. वहीं, कार्यदायी संस्था को क्षेत्र में चल रहे कार्यों में गुणवत्ता को सुधारने और विकास कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिए. कमिश्नर का कहना है कि गांधीग्राम को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ा जाएगा. जिससे नैनीताल आने वाले पर्यटक गांधी के जीवन के बारे में गहराई से जान सकेंगे.

पढ़ें: केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल से सतपाल महाराज की मुलाकात, भेंट किया चारधाम मॉडल

बता दें कि स्वतंत्रा संग्राम आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी 1929 और 1931 में कुमाऊं के दौरे पर आए थे. सबसे पहले 15 जून 1929 को महात्मा गांधी नैनीताल के ताकुला क्षेत्र में पहुंचे. महात्मा गांधी को ये क्षेत्र इतना पसंद आया कि उन्होंने खुद एक आश्रम की नींव रख डाली. जिसका नाम बाद में गांधीग्राम रखा गया. 1929 के बाद एक बार फिर महात्मा गांधी 1931 में पुनः नैनीताल आए. ताकुला के इसी गांधीग्राम से कुमाऊं के सभी क्षेत्रों में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन पर नजर रखी जाती थी.

नैनीताल: महात्मा गांधी की पसंदीदा क्षेत्र ताकुला का कुमाऊं कमिश्नर अरविंद ह्यांकी ने औचक निरीक्षण किया. इस दौरान गांधी आश्रम में हो रहे विकास कार्य की समीक्षा की और विकास कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी भी जताया है.

कुमाऊं कमिश्नर ने किया निरीक्षण.

इस दौरान कमिश्नर के साथ तमाम विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे. कमिश्नर ने गांधी ग्राम क्षेत्र में एडीबी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की. वहीं, कार्यदायी संस्था को क्षेत्र में चल रहे कार्यों में गुणवत्ता को सुधारने और विकास कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिए. कमिश्नर का कहना है कि गांधीग्राम को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ा जाएगा. जिससे नैनीताल आने वाले पर्यटक गांधी के जीवन के बारे में गहराई से जान सकेंगे.

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बता दें कि स्वतंत्रा संग्राम आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी 1929 और 1931 में कुमाऊं के दौरे पर आए थे. सबसे पहले 15 जून 1929 को महात्मा गांधी नैनीताल के ताकुला क्षेत्र में पहुंचे. महात्मा गांधी को ये क्षेत्र इतना पसंद आया कि उन्होंने खुद एक आश्रम की नींव रख डाली. जिसका नाम बाद में गांधीग्राम रखा गया. 1929 के बाद एक बार फिर महात्मा गांधी 1931 में पुनः नैनीताल आए. ताकुला के इसी गांधीग्राम से कुमाऊं के सभी क्षेत्रों में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन पर नजर रखी जाती थी.

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