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कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट का किया निरीक्षण, अधिकारियों को लगाई फटकार

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें रजिस्ट्रार कार्यालय, रिकॉर्ड रूम, रिकॉर्ड सेक्शन, सब रजिस्ट्रार कार्यालय, ज्येड एसी एंव नजूल भूमि सम्बन्धित के अभिलेखों और पत्रावलियों में कई खामियां मिली. जिन्हें आयुक्त ने जल्द से जल्द दुरुस्त करने और दस्तावेजों व अभिलेखों को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं.

Kumaon Commissioner Deepak Rawat
कुमाऊं कमिश्नर ने अधिकारियों को लगाई फटकार
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Published : Mar 30, 2022, 12:33 PM IST

नैनीताल: कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत नैनीताल कलेक्ट्रेट का निरीक्षण करने पहुंचे. इस मौके पर आयुक्त दीपक रावत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. वहीं, निरीक्षण के दौरान मिली खामियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कुमाऊं आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिये. इस मौके पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी मौजूद रहे.

बता दें कि कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में रजिस्ट्रार कार्यालय, रिकॉर्ड रूम, रिकॉर्ड सेक्शन, सब रजिस्ट्रार कार्यालय, ज्येड एसी एवं नजूल भूमि सम्बन्धित के अभिलेखों और पत्रावलियों का गहनता से निरीक्षण किया. इस दौरान आयुक्त को कई स्थानों पर खामियां मिली. जिन्हें आयुक्त ने जल्द से जल्द दुरुस्त करने और दस्तावेजों व अभिलेखों को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं.

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को लगाई फटकार.

हल्द्वानी कार्यालय से बनाकर रखे सामंजस्य
राजस्व अभिलेख कक्ष के निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ सहायक प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो कमल उपाध्याय ने बताया कि हल्द्वानी से भूमि से सम्बन्धित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो पाते हैं, जिस पर आयुक्त ने सम्बधिंत कर्मचारी को निर्देश दिये हैं कि हल्द्वानी के उपजिलाधिकारी से समन्वय बनाते हुए लंबित कार्यों को पूर्ण करें. भूमि से सम्बधित जो बस्ते बनाये गये हैं उनको सूचीबद्व तरीके से रखने के भी निर्देश दिये.

पढ़ें- IMPACT: रातों रात सड़कों की हुई मरम्मत, स्मार्ट सिटी CEO ने किया निरीक्षण, लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज

2012 घटना के बाद भी नहीं जाएगा प्रशासन
कलेक्ट्रेट परिसर में 2012 में हुए भीषण अग्निकांड के बावजूद भी प्रशासन सजग नहीं है. वहीं, कुमाऊं आयुक्त के निरीक्षण के दौरान आग बुझाने वाले फायर हाइड्रेंट समेत अन्य उपकरण काम नहीं किया. जिससे प्रशासन की आग बुझाने की तैयारियों की पोल खुल गई. इस मामले में आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत ने अधिकारियों को इस खामी को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए. आप बताते चलें कि 2012 में कलेक्ट्रेट परिसर में भीषण आग लग गई थी. जिसमें कलेक्ट्रेट परिसर का एक हिस्सा जलकर खाक हो गया था. जिससे कारण कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए थे बावजूद इसके प्रशासन आग लगने की घटनाओं को अभी हल्के में ले रहा है.

नैनीताल: कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत नैनीताल कलेक्ट्रेट का निरीक्षण करने पहुंचे. इस मौके पर आयुक्त दीपक रावत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. वहीं, निरीक्षण के दौरान मिली खामियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कुमाऊं आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिये. इस मौके पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी मौजूद रहे.

बता दें कि कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में रजिस्ट्रार कार्यालय, रिकॉर्ड रूम, रिकॉर्ड सेक्शन, सब रजिस्ट्रार कार्यालय, ज्येड एसी एवं नजूल भूमि सम्बन्धित के अभिलेखों और पत्रावलियों का गहनता से निरीक्षण किया. इस दौरान आयुक्त को कई स्थानों पर खामियां मिली. जिन्हें आयुक्त ने जल्द से जल्द दुरुस्त करने और दस्तावेजों व अभिलेखों को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं.

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को लगाई फटकार.

हल्द्वानी कार्यालय से बनाकर रखे सामंजस्य
राजस्व अभिलेख कक्ष के निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ सहायक प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो कमल उपाध्याय ने बताया कि हल्द्वानी से भूमि से सम्बन्धित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो पाते हैं, जिस पर आयुक्त ने सम्बधिंत कर्मचारी को निर्देश दिये हैं कि हल्द्वानी के उपजिलाधिकारी से समन्वय बनाते हुए लंबित कार्यों को पूर्ण करें. भूमि से सम्बधित जो बस्ते बनाये गये हैं उनको सूचीबद्व तरीके से रखने के भी निर्देश दिये.

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2012 घटना के बाद भी नहीं जाएगा प्रशासन
कलेक्ट्रेट परिसर में 2012 में हुए भीषण अग्निकांड के बावजूद भी प्रशासन सजग नहीं है. वहीं, कुमाऊं आयुक्त के निरीक्षण के दौरान आग बुझाने वाले फायर हाइड्रेंट समेत अन्य उपकरण काम नहीं किया. जिससे प्रशासन की आग बुझाने की तैयारियों की पोल खुल गई. इस मामले में आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत ने अधिकारियों को इस खामी को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए. आप बताते चलें कि 2012 में कलेक्ट्रेट परिसर में भीषण आग लग गई थी. जिसमें कलेक्ट्रेट परिसर का एक हिस्सा जलकर खाक हो गया था. जिससे कारण कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए थे बावजूद इसके प्रशासन आग लगने की घटनाओं को अभी हल्के में ले रहा है.

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