हल्द्वानीः स्वतंत्रता दिवस 2023 को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. इस बार बाजारों में खादी के तिरंगे की डिमांड बढ़ी है. बताया जा रहा है कि कई राज्यों में चुनाव के चलते वहां पर भी तिरंगे की डिमांड बढ़ी है. जिसके चलते दिल्ली से उत्तराखंड के बाजारों में आने वाले तिरंगे कम मात्रा में पहुंच रहे हैं. हल्द्वानी के गांधी आश्रम में तिरंगे की डिमांड काफी बढ़ गई है. ऐसे में संस्था को काफी मात्रा में सूती के बने तिरंगे महाराष्ट्र के नांदेड़ और मेरठ से मंगाने पड़ रहे हैं.
हल्द्वानी के क्षेत्रीय गांधी आश्रम के सचिव दीपचंद्र जोशी ने बताया कि हर घर तिरंगा अभियान और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस बार तिरंगे की डिमांड बढ़ गई है. डिमांड को देखते हुए महाराष्ट्र के नांदेड़ और उत्तर प्रदेश के मेरठ से तिरंगे मंगाए गए हैं. क्योंकि, खादी निर्मित झंडे वहीं पर तैयार होते हैं. उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम में खादी से बने झंडे के आकार के अनुसार कीमत होती है. गांधी आश्रम के पास ₹400 से लेकर ₹3000 तक के झंडे उपलब्ध हैं.
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खादी निर्मित झंडों की मांग बढ़ीः उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम के तिरंगे की ज्यादा डिमांड सरकारी कार्यालय के साथ स्कूलों में ज्यादा होती है. इसके अलावा लोगों में भी हर घर तिरंगे को लेकर क्रेज देखा जा रहा है. लोग तिरंगा खरीदने गांधी आश्रम पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में गांधी आश्रम की 26 दुकानें हैं, जहां पर काफी मात्रा में खादी के झंडे भेजे गए हैं.
गौर है कि आजादी की लड़ाई के प्रतीक सूती के तिरंगे झंडे का अपना ही महत्व है. देश को आजाद कराने में स्वाधीनता के सिपाहियों ने खादी के तिरंगे के साथ अंग्रेजों से लोहा लेते हुए उनको भारत छोड़ने को मजबूर कर दिया था. जिसके बाद लोगों में तिरंगे के प्रति देश प्रेम की भावना जगी और तिरंगे के माध्यम से आज भी लोग अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति जता रहे हैं. इसी को देखते हुए सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोगों से अपने घरों पर तिरंगा लगाने की अपील की है.