नैनीताल: कोरोना संक्रमण के चलते इस बार हिंदुओं की सबसे बड़ी और पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा को रद्द कर दिया गया है. इस यात्रा के रद्द होने से कुमाऊं मंडल विकास निगम को करीब 56 लाख का नुकसान हो रहा है. इस यात्रा के लिए हर साल करीब 2000 के आसपास यात्री पंजीकरण कराते थे और लगभग 1080 यात्रियों का चयन मेडिकल परीक्षण के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए किया जाता था.
बता दें कि, 12 जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होती थी और 15 जून को यात्रियों का पहला दल दिल्ली से उत्तराखंड के काठगोदाम पहुंचता था. काठगोदाम पहुंचने के बाद इन यात्रियों का कुमाऊनी रीति रिवाज और परंपराओं के अनुसार स्वागत किया जाता था. इसके बाद अगले दिन यात्रा अपने अगले पड़ाव अल्मोड़ा के लिए रवाना होती थी. जोकि अल्मोड़ा से पिथौरागढ़, धारचूला, नजंग, बूंदी, कालापानी, गूंजी लिपुलेख समेत विभिन्न पड़ाव को पूरा करते हुए पैदल यात्रा मार्ग से चाइना में प्रवेश करती थी.
पढ़ें- कोरोना संक्रमित एक्ट्रेस मोहिना कुमारी सिंह ने साझा किया अपना अनुभव, हुईं भावुक
वहीं, कैलाश मानसरोवर यात्रा में करीब 18 दल शामिल होते हैं और हर दल में करीब 60 भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए जाते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस यात्रा को रद्द कर दिया गया है. जिससे बाबा के दर्शन करने वाले सैकड़ों भक्तों के सपने अधूरे रह गए हैं. 1980 से लगातार कुमाऊं मंडल विकास निगम के द्वारा इस कैलाश मानसरोवर यात्रा को आयोजित कराया जाता है. इस बार भी कुमाऊं मंडल विकास निगम ने यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली थी.
कुमाऊं मंडल विकास निगम के जीएम अशोक कुमार जोशी ने बताया कि यात्रा को लेकर हर साल करीब 2000 के आसपास यात्री अपना पंजीकरण कराते थे. करीब 1080 यात्रियों का चयन मेडिकल परीक्षण के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए किया जाता था. जिससे कुमाऊं मंडल विकास निगम को करीब 56 लाख से अधिक की आमदनी प्राप्त होती थी, लेकिन इस बार यात्रा रद्द होने से कुमाऊं मंडल विकास निगम को 56 लाख से अधिक का नुकसान भी हुआ है.