हल्द्वानी: कुछ दिनों पहले तक प्याज लोगों के आंसू निकाल रहा था. प्याज की कीमत 100 रुपये किलो से अधिक हो गई थी, लेकिन वही प्याज अब किसानों के आंसू निकाल रहा है. किसानों ने जिस उम्मीद से प्याज की खेती की थी, बरसात और ओलावृष्टि के चलते प्याज की फसले बर्बाद हो गई है. यही नहीं बाजार में प्याज की कीमत गिरने के चलते लागत मूल्य नहीं मिल पा रहा हैं. ऐसे में किसान परेशान हैं.
दरअसल, प्याज की कीमत में अचानक से गिरावट आ गई है. इस समय खराब मौसम के चलते प्याज खेतों में खराब हो रही है. आलम यह है की किसानों के लिए प्याज की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है. एक किलो प्याज के बीज की कीमत बाजार में 18 से 20 हजार रुपये प्रति किलो है, किसान बड़ी मेहनत के साथ इतने महंगे बीज को खरीदकर प्याज की फसल बोता है.
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इस बार यह उम्मीद की जा रही थी की प्याज की फसल बेहतर होगी. लागत अच्छी निकलेगी, लेकिन शुरुआती दौर से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने पूरी प्याज की फसल को तबाह कर दिया है. कभी 100 रुपये से ऊपर प्रति किलो बिकने वाली प्याज आज से खेतों से बाजार 4 से 5 रुपये प्रति किलो के भाव जा रही है.
हल्द्वानी में गौलापार में भारी मात्रा में प्याज का उत्पादन होता है. सैकड़ों बीघे में कास्तकार प्याज की फसल बोते हैं. बीज, खाद, मजदूरी लगाकर भी पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है. बची कसर लॉकडाउन ने पूरी कर दी है, खेतों से निकली प्याज को बाजार में भाव मिलेगा कि नहीं, लोकल बाजार बंद है लिहाजा प्याज को कहां किस कीमत पर बेचेंगे किसान यह समझने में असमर्थ हैं. प्याज को कौड़ियों के भाव बेचने को मजबूर हैं.