रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सटे ढिकुली क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर अवैध रूप से होटलों का निर्माण कराया जा रहा है. जिसके चलते एलिफेंट कॉरिडोर का दायरा कम होता जा रहा है. दूसरी तरफ होटल संचालक सरकार को चुना भी लगा रहे हैं.
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बता दें कि राजाजी नेशनल पार्क से कॉर्बेट नेशनल पार्क होते हुए नेपाल से असम तक जंगलों में हाथियों के गुजरने के लिए एलिफेंट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा कॉर्बेट पार्क से सटे ढिकुली क्षेत्र से होकर गुजरता है. इसके अवाला कॉर्बेट पार्क के पूर्वी हिस्से में रहने वाले वन्य जीव भी अपनी प्यास बुझाने के लिए गांव के किनारे बह रही कोसी नदी पर आते हैं, जो एलिफेंट कॉरिडोर के आसपास का ही हिस्सा है. लेकिन वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते एलिफेंट कॉरिडोर का दायरा कम होता जा रहा है.
क्षेत्र में अवैध तरीके से होटल व रिसोर्ट का निर्माण होने के कारण हाथियों का स्वच्छंद विचरण प्रभावित हो रहा है. ऐसे में हाथियों के व्यवहार में परिवर्तन आ रही है, वो हिंसक होते जा रहे हैं. जिस कारण हाथी कॉर्बेट पार्क से सटे ग्रामीण इलाकों में उत्पात मचा रहे हैं. जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भोगना पड़ रहा है.
ढिकुली क्षेत्र में अवैध निर्माण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां बीते कई सालों में एलिफेंट कॉरिडोर का 6 किमी का हिस्सा पूरी तरह खत्म हो चुका है, यहां पर बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हुए हैं. जिससे हाथियों की आवाजही पूरी तरह से बंद हो गई है.
रामनगर तहसील क्षेत्र के जिला विकास प्राधिकरण में शामिल होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि एलिफेंट कॉरिडोर में चल रहे अवैध निर्माण पर जल्द ही लगामा लगेगी और स्थानीय प्रशासन इन होटल संचालकों पर खख्त कार्रवाई करेगा, ताकि एलिफेंट कॉरिडोर के अन्य हिस्से को बचाया जा सके, लेकिन ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है.
जब इस बारे में रामनगर एसडीएम हरगिरी गोस्वामी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें ढिकुली क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण की जानकारी मिली थी. क्षेत्रीय लेखपाल के माध्यम से मौके की स्थलीय रिपोर्ट तलब की गई है. रिपोर्ट के आधार पर जिला विकास प्राधिकरण को कार्रवाई करने के रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी.