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फर्जी प्रमाण पत्र मामला: मुश्किल में विधायक कर्णवाल, HC ने सरकार से मांगा जवाब

फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हाईकोर्ट ने कर्णवाल और सरकार से जवाब मांगा है.

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देशराज कर्णवाल को हाई कोर्ट से नोटिस
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Published : Dec 9, 2019, 3:09 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 3:50 PM IST

नैनीताल: हरिद्वार के झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हो गया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और विधायक देशराज कर्णवाल को नोटिस जारी किया है, साथ ही तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें, रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जातीय स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को चुनौती दी है, जिसमे कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को सही माना था. इससे पहले हरिद्वार निवासी विपिन तोमर ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देशराज कर्णवाल का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है. देशराज कर्णवाल ने इसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षित क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. याचिका में विधायक के प्रमाण पत्र की जांच की मांग की गई थी.

मुश्किलों में विधायक कर्णवाल.

इसके साथ ही विपिन तोमर ने कहा था कि देशराज ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की लिहाजा उनकी विधानसभा की सदस्यता को भी निरस्त किया जाए. इस मामले पर आज मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और विधायक को नोटिस जारी किया है.

पढ़ें- यूं ही नहीं लिखा गया 'फ्वां बागा रे', जानिए गाने के पीछे की मार्मिक कहानी

याचिका में कहा गया कि देशराज कर्णवाल उत्तर प्रदेश के देवबंद (सहारनपुर) के निवासी हैं. लिहाजा, उनको यहां का जाति प्रमाण पत्र कैसे मिल गया.

वहीं, इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे. जिसमें कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को सही माना था, जिसको रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने एक बार फिर कोर्ट में चुनौती दी है.

नैनीताल: हरिद्वार के झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हो गया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और विधायक देशराज कर्णवाल को नोटिस जारी किया है, साथ ही तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें, रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जातीय स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को चुनौती दी है, जिसमे कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को सही माना था. इससे पहले हरिद्वार निवासी विपिन तोमर ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देशराज कर्णवाल का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है. देशराज कर्णवाल ने इसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षित क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. याचिका में विधायक के प्रमाण पत्र की जांच की मांग की गई थी.

मुश्किलों में विधायक कर्णवाल.

इसके साथ ही विपिन तोमर ने कहा था कि देशराज ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की लिहाजा उनकी विधानसभा की सदस्यता को भी निरस्त किया जाए. इस मामले पर आज मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और विधायक को नोटिस जारी किया है.

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याचिका में कहा गया कि देशराज कर्णवाल उत्तर प्रदेश के देवबंद (सहारनपुर) के निवासी हैं. लिहाजा, उनको यहां का जाति प्रमाण पत्र कैसे मिल गया.

वहीं, इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे. जिसमें कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को सही माना था, जिसको रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने एक बार फिर कोर्ट में चुनौती दी है.

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नैनीताल हाईकोर्ट से हरिद्वार के झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र के मामले पर नोटिस जारी करें।

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हरिद्वार के झबरेड़ा विधायक देशराज कंडवाल के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले पर हाई कोर्ट से मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि यह फर्जी प्रमाणपत्र मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने विधायक देशराज कर्णवाल समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 3 सप्तहा में अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है।



Body:आपको बता दें कि रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जाती स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को चुनौती दी है जिसमे कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाती प्रमाण पत्र को सही माना था,,

पूर्व में हरीद्वार निवाशी विपिन तोमर ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देशराज कंडवाल का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है, और देश राजकर्ण वाल ने इसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षित क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की याचिका में विधायक के प्रमाण पत्र की जांच की मांग की है


Conclusion:साथ ही विपिन तोमर ने कहा था कि देशराज ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की लिहाजा उनकी विधायकी को भी निरस्त किया जाए,,,
आज मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने विधायक देशराज कर्णवाल और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए है,
, याचिका में कहा गया है कि देशराज कंडवाल उत्तर प्रदेश के देवबंद (सहारनपुर)के निवासी है लिहाजा उनको यहां का जाति प्रमाण पत्र कैसे मिल गया,
वहीं पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को देशराज कर्णवाल के जाती प्रमाण पत्र की जांच के लिए कमेटी बनाकर उनके जाती प्रमाण पत्र बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे, जिसमे कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाती प्रमाण पत्र को सही माना था, जिसको रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने एक बार फिर कोर्ट में चुनौती दी है।

बाईट- सोभित सहारिया, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Dec 9, 2019, 3:50 PM IST
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