नैनीताल: हरिद्वार के झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हो गया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और विधायक देशराज कर्णवाल को नोटिस जारी किया है, साथ ही तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें, रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जातीय स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को चुनौती दी है, जिसमे कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को सही माना था. इससे पहले हरिद्वार निवासी विपिन तोमर ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देशराज कर्णवाल का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है. देशराज कर्णवाल ने इसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षित क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. याचिका में विधायक के प्रमाण पत्र की जांच की मांग की गई थी.
इसके साथ ही विपिन तोमर ने कहा था कि देशराज ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की लिहाजा उनकी विधानसभा की सदस्यता को भी निरस्त किया जाए. इस मामले पर आज मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और विधायक को नोटिस जारी किया है.
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याचिका में कहा गया कि देशराज कर्णवाल उत्तर प्रदेश के देवबंद (सहारनपुर) के निवासी हैं. लिहाजा, उनको यहां का जाति प्रमाण पत्र कैसे मिल गया.
वहीं, इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे. जिसमें कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को सही माना था, जिसको रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने एक बार फिर कोर्ट में चुनौती दी है.