देहरादूनः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री दिलाए जाने को लेकर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पत्र का स्वयं संज्ञान लेकर सुनवाई की. मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नगर पालिका लक्सर व एसडीएम को निर्देश दिए कि वहां पर लोगों की जो समस्याएं हैं, उनका शीघ्र निराकरण करें. बाढ़ से जहां-जहां गंदगी फैली है, उसकी सफाई कर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके अपनी रिपोर्ट दस दिन के भीतर कोर्ट में पेश करें. मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तिथि नियत की है.
मामले के मुताबिक, अधिवक्ता सुभर रस्तोगी ने उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत, सचिव सौरभ व अन्य को फोनकर बताया कि लक्सर में बाढ़ आने से उनके क्षेत्र में पानी भर गया है, जिसकी वजह से दूध, पीने का पानी व भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसलिए बार एसोसिएशन इस समस्या को मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख रखे. बीते शुक्रवार (14 जुलाई) को इस मामले को रजिस्ट्रार जनरल के सम्मुख शीघ्र सुनवाई हेतु पेश किया गया. आज इस मामले को मुख्य न्यायाधीश ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की.
अधिवक्ता शुभर रस्तोगी व शक्ति प्रताप सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि लक्सर में चार फीट तक पानी भर गया था, जिसकी वजह से दूध, पानी व भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई. पानी भरने से गलियों में सांप, घड़ियाल आने लगे. बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री तक नहीं मिल पा रही है. जो भोजन कैंप लगाए गए हैं, उनमें बासी भोजन दिया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना करते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को जरूरी सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं.
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सुनवाई के दौरान नगर पालिका की तरफ से कहा गया कि शहर से बाढ़ का पानी उतर चुका है. नगर पालिका द्वारा बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. शहर में दवा वितरण और फॉगिंग की जा रही है. राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने कहा कि इस क्षेत्र का मुख्यमंत्री धामी ने दौरा कर सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता करें. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व कर्मचारी व अन्य संस्थाएं बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने में लगी है. अभी स्थिति सामान्य हो चुकी है.
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