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प्रदेश के पंचायती चुनाव में हो रही देरी पर हाईकोर्ट सख्त, त्रिवेंद्र सरकार को जवाब पेश करने के आदेश - अवमानना

पंचायत चुनाव में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई.कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि क्यों न पूर्व के आदेश का पालन न करने पर प्रदेश के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए.

मीडिया से मुखातिब होतेअधिवक्ता याचिकाकर्ता.
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Published : Jul 24, 2019, 12:54 AM IST

नैनीताल:प्रदेश में पंचायत चुनाव में हो रही देरी के मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है.मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया हैं.

अधिवक्ता याचिकाकर्ता,जितेंद्र चौधरी ने की मीडिया से बातचीत.

कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि क्यों ना पूर्व के आदेश का पालन न करने पर प्रदेश के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए.गूलरभोज निवासी पूर्व प्रधान, नईम ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.उन्होंने कहा है कि सरकार प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर नहीं करा रही है .पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर रही जो राज्य सरकार द्वारा 2010 में कोर्ट में पेश किए गए शपथ पत्र के विपरीत है.प्रदेश में सरकार पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव समय पर कराने में असफल रही है लिहाजा उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए.

यह भी पढ़े-चैंपियन पर विधायक कर्णवाल ने ली चुटकी, कहा- शर्त हारने के बाद मूंछ कटवाना जरूरी नहीं

मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चुनाव में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया हैं.

नैनीताल:प्रदेश में पंचायत चुनाव में हो रही देरी के मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है.मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया हैं.

अधिवक्ता याचिकाकर्ता,जितेंद्र चौधरी ने की मीडिया से बातचीत.

कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि क्यों ना पूर्व के आदेश का पालन न करने पर प्रदेश के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए.गूलरभोज निवासी पूर्व प्रधान, नईम ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.उन्होंने कहा है कि सरकार प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर नहीं करा रही है .पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर रही जो राज्य सरकार द्वारा 2010 में कोर्ट में पेश किए गए शपथ पत्र के विपरीत है.प्रदेश में सरकार पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव समय पर कराने में असफल रही है लिहाजा उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए.

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मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चुनाव में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया हैं.

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प्रदेश में निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव समय पर न कराने पर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका।

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प्रदेश में पंचायत चुनाव में हो रही देरी के मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है, मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं, साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि क्यों ना पूर्व के आदेश का पालन न करने पर प्रदेश के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए।



Body:आपको बता दें कि गूलरभोज निवासी पूर्व प्रधान नईम ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर नहीं करा रही है और पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर रही है जो राज्य सरकार द्वारा 2010 में कोर्ट में पेश किए गए शपथ पत्र के विपरीत है वहीं प्रदेश में सरकार पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव समय पर कराने में असफल रही है लिहाजा उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।


Conclusion:वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि 2010 में राज्य सरकार की तरफ से मुख्य सचिव द्वारा शपथ पत्र पेश किया गया था कि पंचायत चुनाव समय पर कराए जाएंगे और पंचायतों प्रशासकों की नियुक्ति नहीं की जाएगी,, लेकिन मुख्य सचिव द्वारा इस शपथ पत्र की अवहेलना करी जा रही है, आज मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चुनाव में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं,,, साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी में कहा है कि पूर्व के आदेश का पालन ना करने पर क्यों ना मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

बाईट- जितेंद्र चौधरी, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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