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जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव मामले में हाई कोर्ट में फैसला सुरक्षित

पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के सदस्यों की बोली और सदस्यों के वोटों की खरीद-फरोख्त मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Sep 24, 2019, 10:09 PM IST

नैनीतालः पंचायत चुनाव में पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. अब सोमवार को मामले में बड़ा फैसला आ सकता है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता अभिजय नेगी.

बता दें कि, देहरादून निवासी विपुल जैन ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में पंचायती चुनाव के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की बड़ी संख्या में बोली लगाई जाती है. साथ ही सदस्यों के वोटों की खरीद-फरोख्त की जाती है. इतना ही नहीं वोटों के नाम पर जिला पंचायत के सदस्यों को देश-विदेश टूर पर भेजा जाता है.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ाः चुनाव में अहम रहेगा सियासी घमासान, जिला पंचायत की 45 सीटों पर होगा दंगल

याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं. साथ ही इन चुनावों के दौरान पंचायत सदस्यों का अपहरण भी कर लिया जाता है. जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती है. लिहाजा इस चुनाव व्यवस्था को सुधारने के लिए कोर्ट राज्य सरकार को दिशा-निर्देश दें.

ये भी पढ़ेंः प्रदेश में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार, जागरूकता के लिए चलाया जा रहा अभियान

इसी कड़ी में मंगलवार को मामले में राज्य सरकार, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग ने अपने-अपने जवाब कोर्ट में पेश किए. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को विस्तृत रूप से सुनने के बाद पंचायती राज अधिनियम और संविधान के आधार पर सुनवाई पूरी की. साथ ही मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.

नैनीतालः पंचायत चुनाव में पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. अब सोमवार को मामले में बड़ा फैसला आ सकता है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता अभिजय नेगी.

बता दें कि, देहरादून निवासी विपुल जैन ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में पंचायती चुनाव के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की बड़ी संख्या में बोली लगाई जाती है. साथ ही सदस्यों के वोटों की खरीद-फरोख्त की जाती है. इतना ही नहीं वोटों के नाम पर जिला पंचायत के सदस्यों को देश-विदेश टूर पर भेजा जाता है.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं. साथ ही इन चुनावों के दौरान पंचायत सदस्यों का अपहरण भी कर लिया जाता है. जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती है. लिहाजा इस चुनाव व्यवस्था को सुधारने के लिए कोर्ट राज्य सरकार को दिशा-निर्देश दें.

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इसी कड़ी में मंगलवार को मामले में राज्य सरकार, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग ने अपने-अपने जवाब कोर्ट में पेश किए. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को विस्तृत रूप से सुनने के बाद पंचायती राज अधिनियम और संविधान के आधार पर सुनवाई पूरी की. साथ ही मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Intro:Summry

पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित।

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नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव में पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है अब सोमवार को मामले में बड़ा फैसला आ सकता है।


Body:मामले में राज्य सरकार केंद्र सरकार और चुनाव आयोग ने अपने-अपने जवाब कोर्ट में पेश करें जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को विस्तृत रूप से सुनने के बाद पंचायती राज अधिनियम ओर संविधान के आधार पर सुनवाई पूरी की और मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया कि
क्या कोर्ट पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव में हस्तक्षेप कर सकता है या नहीं।


Conclusion:आपको बता दें कि देहरादून निवासी विपुल जैन ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश के पंचायती चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की बड़ी संख्या में बोली लगाई जाती है और सदस्यों के वोटों की खरीद-फरोख्त की जाती है, साथ ही वोटों के नाम पर जिला पंचायत के सदस्यों को देश विदेश टूर पर भेजा जाता है और चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं, साथ ही इन चुनावों के दौरान पंचायत सदस्यों का अपहरण भी कर लिया जाता है जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती है लिहाजा इस चुनाव व्यवस्था को सुधारने के लिए कोर्ट राज्य सरकार को दिशा निर्देश दे।

बाईट- अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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