नैनीताल: औली में गुप्ता बंधुओं के बेटों की हुई 200 करोड़ की शाही शादी एक फिर चर्चा में है. नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर पालिक जोशीमठ और डीएम चमोली से शादी के दौरान वहां फैले कूड़े का निस्तारण कैसे किया और उस पर कितना खर्चा आया इस पर जवाब मांगा है. इसके अलावा शादी से पर्यावरण को हुए नुकसान को लेकर धनराशि का आकलन कर कोर्ट को बताने के भी आदेश दिए हैं.
गौर हो कि चमोली निवासी अधिवक्ता आरक्षित जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड के औली (बुग्याल) में उद्योगपतियों की बेटों की शादी 18 से 22 जून को होने जा रही थी. जिसमें मेहमानों को लाने व ले जाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई थी. इन हेलीकॉप्टर से पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. साथ ही बुग्यालों और क्षेत्र में रहने वाले जंगली जानवरों को खतरे की आशंका जताई गई थी.
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इसके अलावा याचिकाकर्ता ने ये भी तर्क दिया था कि राज्य सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट की एक पीठ के उन आदेशों की भी अनदेखी कर रही है, जिसमें कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों बुग्याल आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया था. लिहाज शादी पर रोक लगाई जाए, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.
पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चमोली के डीएम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर पालिका जोशीमठ को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए.