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हाईकोर्ट ने गुप्ता बधुओं के बेटों की शादी में फैले कूड़े के निस्तारण में हुए खर्च का ब्योरा मांगा - नैनीताल न्यूज

पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चमोली के डीएम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर पालिका जोशीमठ को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

औली शाही शादी
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Published : Oct 14, 2019, 11:06 PM IST

नैनीताल: औली में गुप्ता बंधुओं के बेटों की हुई 200 करोड़ की शाही शादी एक फिर चर्चा में है. नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर पालिक जोशीमठ और डीएम चमोली से शादी के दौरान वहां फैले कूड़े का निस्तारण कैसे किया और उस पर कितना खर्चा आया इस पर जवाब मांगा है. इसके अलावा शादी से पर्यावरण को हुए नुकसान को लेकर धनराशि का आकलन कर कोर्ट को बताने के भी आदेश दिए हैं.

गौर हो कि चमोली निवासी अधिवक्ता आरक्षित जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड के औली (बुग्याल) में उद्योगपतियों की बेटों की शादी 18 से 22 जून को होने जा रही थी. जिसमें मेहमानों को लाने व ले जाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई थी. इन हेलीकॉप्टर से पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. साथ ही बुग्यालों और क्षेत्र में रहने वाले जंगली जानवरों को खतरे की आशंका जताई गई थी.

पढ़ें- छात्रवृत्ति घोटाला: हाई कोर्ट ने सरकार और SIT को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के दिए आदेश

इसके अलावा याचिकाकर्ता ने ये भी तर्क दिया था कि राज्य सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट की एक पीठ के उन आदेशों की भी अनदेखी कर रही है, जिसमें कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों बुग्याल आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया था. लिहाज शादी पर रोक लगाई जाए, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.

पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चमोली के डीएम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर पालिका जोशीमठ को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए.

नैनीताल: औली में गुप्ता बंधुओं के बेटों की हुई 200 करोड़ की शाही शादी एक फिर चर्चा में है. नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर पालिक जोशीमठ और डीएम चमोली से शादी के दौरान वहां फैले कूड़े का निस्तारण कैसे किया और उस पर कितना खर्चा आया इस पर जवाब मांगा है. इसके अलावा शादी से पर्यावरण को हुए नुकसान को लेकर धनराशि का आकलन कर कोर्ट को बताने के भी आदेश दिए हैं.

गौर हो कि चमोली निवासी अधिवक्ता आरक्षित जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड के औली (बुग्याल) में उद्योगपतियों की बेटों की शादी 18 से 22 जून को होने जा रही थी. जिसमें मेहमानों को लाने व ले जाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई थी. इन हेलीकॉप्टर से पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. साथ ही बुग्यालों और क्षेत्र में रहने वाले जंगली जानवरों को खतरे की आशंका जताई गई थी.

पढ़ें- छात्रवृत्ति घोटाला: हाई कोर्ट ने सरकार और SIT को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के दिए आदेश

इसके अलावा याचिकाकर्ता ने ये भी तर्क दिया था कि राज्य सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट की एक पीठ के उन आदेशों की भी अनदेखी कर रही है, जिसमें कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों बुग्याल आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया था. लिहाज शादी पर रोक लगाई जाए, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.

पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चमोली के डीएम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर पालिका जोशीमठ को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए.

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औली में गुप्ता बंधुओं की शाही शादी के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

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प्रदेश की बहुचर्चित गुप्ता बंधुओं की औली में हुई शादी के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नगरपालिका जोशीमठ और डीएम चमोली को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं वहीं कोर्ट ने नगरपालिका से पूछा है कि शादी के दौरान हुए कूड़ा निस्तारण पर कितना खर्च किया गया और कूड़े का किस तरह से निस्तारण हुआ,,, वहीं पर्यावरण को हुए खतरे को लेकर धनराशि का आकलन कर कोर्ट को बताने के भी निर्देश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि चमोली निवासी अधिवक्ता आरक्षित जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड के औली ( बुग्याल )में उद्योगपतियों की बेटो की शादी 18 से 22 जून को होने जा रही है जिसमें मेहमानों को लाने वाले जाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई, और इन हेलीकॉप्टर से पर्यावरण को खतरा होगा साथ ही बुग्याल और इन क्षेत्र में रहने वाले जानवरों को भी खतरा होगा,,,


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा दिए गए पूर्व के आदेशों की अनदेखी की जा रही है जिसमें कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों बुग्याल आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधियों प्रतिबंध लगाया था,, लिहाज शादी रोक लगाई जाए ताकि यह पर्यावरण को बचाया जा सके।

बाईट- एम सी पंत,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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