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रानीबाग-नैनीताल रोपवे मामला, हाईकोर्ट ने NHAI से 45 दिन में मांगा प्रपोजल - उत्तराखंड रानीबाग नैनीताल रोपवे मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के मामले में एनएचएआई से 45 दिन के भीतर एक प्रपोजल पेश करने को कहा है.

रानीबाग-नैनीताल रोपवे मामला
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Published : Jun 15, 2022, 5:08 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के मामले में प्रोफेसर अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने एनएचएआई से 45 दिन के भीतर एक प्रपोजल पेश करने को कहा है.

एनएचएआई को प्रपोजल शपथपत्र के माध्यम से कागजातों के साथ पेश करना है. आज सुनवाई के दौरान एनएचएआई की तरफ से कहा गया कि उन्होंने मार्च 2022 में जर्मन ऑस्ट्रेलियन कंपनी को सर्वे के लिए 9 करोड़ का ठेका दे दिया है. एनएचएआई इस प्रोजेक्ट का नए सिरे से सर्वे करेगी और पूरे प्रोजेक्ट का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाएगा. पुराने प्रोजेक्ट में चार स्टेशन बनाने का प्रपोजल था. ऐसे में अगर बेस स्टेशन के लिए भूमि पक्की नहीं मिलती है तो दूसरी जगह बेस स्टेशन बनाया जा सकता है.

शुरुआती दौर में यह प्रोजेक्ट 12 किलोमीटर का है. नए सिरे से डीपीआर तैयार किया जाएगा. इसके लिए उन्हें प्रपोजल एवं शपथपत्र पेश करने के लिए समय दिया जाए. जिस पर कोर्ट ने एनएचएआई को 45 दिन का समय दिया है. नैनीताल निवासी पर्यावरणविद् प्रो अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है.

पढ़ें: सुरकंडा देवी रोपवे टिकट में गड़बड़झाला!, पर्यटकों का आरोप- 'टिकट काटकर ट्रॉली से उतारा'

रोपवे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है. ये दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र में हैं. लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता. पूर्व में भी हाईकोर्ट ने हनुमान गढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के मामले में प्रोफेसर अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने एनएचएआई से 45 दिन के भीतर एक प्रपोजल पेश करने को कहा है.

एनएचएआई को प्रपोजल शपथपत्र के माध्यम से कागजातों के साथ पेश करना है. आज सुनवाई के दौरान एनएचएआई की तरफ से कहा गया कि उन्होंने मार्च 2022 में जर्मन ऑस्ट्रेलियन कंपनी को सर्वे के लिए 9 करोड़ का ठेका दे दिया है. एनएचएआई इस प्रोजेक्ट का नए सिरे से सर्वे करेगी और पूरे प्रोजेक्ट का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाएगा. पुराने प्रोजेक्ट में चार स्टेशन बनाने का प्रपोजल था. ऐसे में अगर बेस स्टेशन के लिए भूमि पक्की नहीं मिलती है तो दूसरी जगह बेस स्टेशन बनाया जा सकता है.

शुरुआती दौर में यह प्रोजेक्ट 12 किलोमीटर का है. नए सिरे से डीपीआर तैयार किया जाएगा. इसके लिए उन्हें प्रपोजल एवं शपथपत्र पेश करने के लिए समय दिया जाए. जिस पर कोर्ट ने एनएचएआई को 45 दिन का समय दिया है. नैनीताल निवासी पर्यावरणविद् प्रो अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है.

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रोपवे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है. ये दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र में हैं. लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता. पूर्व में भी हाईकोर्ट ने हनुमान गढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी.

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