नैनीताल: हाईकोर्ट ने पूर्व विधान सभा अध्यक्ष और ऋषिकेश से वर्तमान विधयाक प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से पैसे निकालकर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से लोगों को बांटने के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वे फिर से 24 घंटे के भीतर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा लगाए गई आपत्तियों को दुरुस्त करें.
मामले के अनुसार ऋषिकेश निवासी कनक धनई ने चुनाव याचिका दायर कर कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब पांच करोड़ रुपए निकालकर लोगों को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से बांटे हैं, जिसकी स्वीकृति विधान सभा सचिव द्वारा दी गयी है. ये डिमांड ड्राफ्ट 4,975 रुपए के बनाए गए हैं, जिन पर 3 और 9 फरवरी की तिथि डाली गई है.
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ये डिमांड ड्राफ्ट उनके द्वारा सबूतों के तौर पर अपनी याचिका में लगाये गए हैं. याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच करने की बात कही. जांच सही पाए जाने पर उनके चुनाव प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग भी की. याचिकाकर्ता ने अपनी चुनाव याचिका में राज्य सरकार, चुनाव आयोग भारत सरकार, राज्य चुनाव आयोग, स्पीकर लेजिस्लेटिव असेंबली विधान सभा भवन देहरादून, जिला अधिकारी देहरादून, एसडीएम ऋषिकेश, जिला कोषागार अधिकारी व प्रेमचन्द्र अग्रवाल को पक्षकार बनाया है.