नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी सहित प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर आवारा पशुओं को छोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने नगर निगम हल्द्वानी से जनहित याचिका में उठाये गए सवालों पर अगली तिथि तक अपना स्पष्ट जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी.
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता डॉक्टर चंद्रशेखर जोशी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी शहर सहित राज्य की सड़कों में आवारा गाय और बैलों के कारण कई दुर्घटनाएं हो रही हैं. इनके आपस में लड़ने से एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत तक हो गई है. यही नहीं इन पशुओं के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में देरी हो रही है.
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कई बार इनके आपसी झगड़े की वजह से सड़कों पर कई घंटों का जाम तक लग जाता है, जबकि आवारा पशुओं को सड़कों पर छोड़े जाने के मामले में उच्च न्यायालय सहित सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित निकायों को कई बार दिशा निर्देश जारी किए हैं, लेकिन अभी तक संबंधित निकायों द्वारा उन निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया. जिसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी.
जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि राज्य की सड़कों से आवारा पशुओं को हटाया जाए. जनहित याचिका में यह भी शिकायत की गई है कि संबंधित विभाग शिकायत करने पर उनके क्षेत्र से आवारा पशुओं को उठाकर सेल्टर में डालने के बजाय दूसरे क्षेत्र भेज रहे हैं.
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